मानवाधिकार हेल्पलाइन का अध्यक्ष धरा

सोलन। सोलन और सिरमौर में करीब 750 लोगों को ठगने वाले शातिर नटवरलाल को पुलिस ने काबू किया है। पाल छत्त पाल उर्फ प्रीतपाल सिंह निवासी देहूंघाट को पुलिस ने सोमवार देर रात दबोचा है। आरोप है कि शातिर ने वर्ष 2010-11 में मानवाधिकार हेल्पलाइन संस्था का हिमाचल अध्यक्ष बनकर सोलन, सिरमौर समेत प्रदेश के विभिन्न स्थानों से लोगों को ठगा है।
सदर थाना सोलन पुलिस ने संबंधित धाराआें के तहत मुकदमा कायम करके छानबीन शुरू कर दी है। अब तक की छानबीन में 128 ठगी के मामले जिला सोलन के बीबीएन, परवाणू, नालागढ़, धर्मपुर, कसौली, सोलन और अर्की से आए हैं। वहीं 628 मामले सिरमौर जिला के हैं। यही नहीं जिला अध्यक्षोें की ताजपोशी के लिए भी शातिर ने एक लाख से लेकर पचास हजार तक की रकम पदाधिकारियों से एेंठी है। शातिर के पकड़े जाने की पुष्टि एसपी पीके ठाकुर ने की
ऐसे ठगे लोग
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शातिर अपने आपको मानवाधिकार का हिमाचल अध्यक्ष बताकर लोगों को ठगता रहा। आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे परिवारों को उसने लक्ष्य बनाया। 1100 रुपये तक की पर्ची काटकर उन्हें नौकरी, सिलाई मशीन देने, विधवा पेंशन, घर में पानी की व्यवस्था, शादियों और बीमारी आदि में खर्चे का झांसा देकर लोगों को बेवकूफ बनाया।

अपने नाम खोला अकाउंट
पुलिस की तफतीश में जाहिर हुआ है कि शातिर ने संबंधित संस्था के नाम का कोई अकाउंट नहीं खोला। न ही राशि हैडआफिस में जमा करवाई। एकत्र पैसे से किसी तरह का कोई सामाजिक कार्य नहीं किया। अपने अकाउंट खोलकर एकत्र राशि को जमा करवाता रहा और खर्च का कोई हिसाब नहीं रखा।

पहली ठगी
12 लाख 86 हजार की ठगी करीब 800 लोगों से की गई। इसमें जिला सोलन और सिरमौर के लोगों को शातिर ने अपना शिकार बनाया। इनसे 1100 रुपये तक की पर्चियां काटी गईं।

दूसरी ठगी
04 लाख 69 हजार रुपये की ठगी दूसरे चरण में की। हिमाचल मानवाधिकार हेल्पलाइन एनजीओ में जिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव का पद देने 01 लाख से 50 हजार रुपये तक प्रति पद एकत्र किए। झांसे में आकर बेहतर पद लेने के लिए इच्छुकों ने ठग को पैसे दिए।

तीसरी ठगी
50 हजार रुपये तक अदालती मुकदमे निपटवाने के नाम पर भी ठगी का आरोप है। पुलिस का कहना है कि अपनी ऊपर तक पहुुंच होने का झांसा देकर जरूरतमंद लोगों से पैसे लूटता था। झांसा अदालती मामलों को निपटाने का दिया जाता था।

ठग को झांसा से ठगा
पुलिस ने शातिर ठग को झांसा देकर ही ठगा। आरोपी के पीछे पुलिस मार्च 2012 से लगी थी। लेकिन हर बार शातिर पुलिस को गच्चा देता रहा। कभी दिल्ली, कभी देहरादून तो कभी देश के बाहर होने तक का बहाना बनाता रहा। आखिरकार पुलिस ने इस मामले से निकालने की बात कहकर उसे अपने विश्वास में लिया और उसे मिलने के लिए बुलाया। पुलिस की बातों में वे आ गया और सोमवार देर रात पुलिस ने उसे धर दबोचा।

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