घर-जमीन बेचकर और कर्ज उठाकर बच्चों को विदेश भेजने वाले परिजनों को जब उनके डिपोर्ट की बात पता चली तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। जालंधर के गांव दिवाली के संदीप सिंह को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। आठवीं तक पढ़ा 43 साल का संदीप सिंह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा है।
16 साल की उम्र में अप्रैल 2000 में इंग्लैंड चला गया था। 2010 में घर वापस आकर शादी के बाद संदीप सिंह पिता के साथ खेती करने लगा। पंचायत मेंबर रहे पिता गुरदेव सिंह ने बताया कि संदीप सिंह काफी मेहनती है। संदीप सिंह के दादा मोहन सिंह कई बार सरपंच रह चुके हैं। गुरदेव सिंह ने भावुक होकर कहा कि उसके बेटे का अमेरिका की धरती पर दाना-पानी नहीं था। इस बात को लेकर गांव दिवाली में शोक की लहर है। मौजूदा सरपंच, पंचायत मेंबरों और लोगों ने गुरदेव सिंह के साथ हमदर्दी जताई है। संदीप 26 जनवरी 2024 में अमेरिका जाने के लिए घर से चला गया था और 8 महीने रास्ते में परेशान होकर घर वापस आ गया था। फिर दोबारा अमेरिका के सीएटल में रह रहे रिश्तेदारों के बताने पर नकोदर के ट्रैवल एजेंट से बात हुई।
संदीप को अमेरिका भेजने के लिए 45 लाख में बात हुई और 20 लाख रुपये एडवांस में दिए। 25 नवंबर 2024 को घर से संदीप गया था। जब दिसंबर 2024 वह पनामा का जंगल पार कर रहा था तब उसकी सेहत खराब हो गई थी। 24 जनवरी 2025 को संदीप मेक्सिको बॉर्डर पार करते वक्त पकड़ा गया और अमेरिका पुलिस ने अपनी कस्टडी में रख लिया। संदीप को विदेश भेजने के लिए जो रकम ट्रैवल एजेंट को दी है, उसमें 17 लाख रुपये बैंक से लोन लिया है। आढ़ती से भी पैसे पकड़े हैं। संदीप की मां की करोना समय लॉकडाउन में मृत्यु हो गई थी। संदीप के दो बच्चे हैं और पत्नी गृहिणी है।