
भरमौर (चंबा)। भरमौर उपमंडल में मौसम की बेरुखी को देखकर बागवान मायूस हो गए हैं। तीन दिनों ऊपरी क्षेत्रों में हो रहे हिमपात और निचले क्षेत्रों में बूंदाबांदी होने से बागवानों के चेहरों पर चिंता की लकींरे खिंच गई हैं। जानकारी के मुताबिक भरमौर से हर वर्ष अरबों रुपये के सेब का कारोबार होता है। सीजन में सेब की ढुलाई, तुड़ान से स्थानीय लोगों को काफी रोजगार मिलता है। इन दिनों निचले क्षेत्रों में सेब के पौधों में फूल निकलना शुरू हो गए हैं, लेकिन अगर मौसम इसी प्रकार ठंडा रहता है पौधों से फूल झड़ सकते हैं और सेब की फसल को नुकसान हो सकता है। हालांकि इस वर्ष समय पर बारिश और बर्फबारी होने से सेब की अच्छी पैदावार होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन मौसम के बिगड़ैल मिजाज के कारण एकाएक ठंड बढ़ गई है। इससे बागवानों के चेहरों पर मायूसी भी छाने लगी है। भरमौर के उलांसा, मलकौता, बालो, खणी, सचुईं, चुन्हौता और अन्य क्षेत्रों के सेब की काफी मांग है। इस सेब की मंडियों में अपनी अलग सी पहचान है। बागवान मदन लाल, निक्का राम, संसार चंद, रवि कुमार, दिनेश, चरणु, सुनील का कहना है कि मौसम की बेरुखी सेब की फसल पर भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि मौसम के बिगडैल मिजाज का देखकर सेब के पौधे मुरझाने का डर सताने लगा है।