पंजाब के किरतपुर से हिमाचल आने वाली फोरलेन का पुंग तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 मार्च को नई दिल्ली से करेंगे वर्चुअल लोकार्पण ।
इस फोरलेन को बनाने में 4,759 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 69 किलोमीटर लंबे फोरलेन को बनाने में कंपनी को करीब चार साल लगे। हालांकि, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ अथॉरिटी ने इसे 2012 में शुरू किया था, लेकिन बीच में निर्माण कंपनी दिवालिया घोषित हुई और काम रुक गया। वहीं, 2019 में इसका काम नई कंपनी को आवंटित किया गया। पहले इस नेशनल हाईवे की लंबाई 106 किलोमीटर थी, फोरलेन बनने के बाद लंबाई 37 घटकर 69 किलोमीटर रह गई। इसमें ग्रीन फील्ड की लंबाई 47.753, ब्राउन फील्ड की 21.45 किलोमीटर है। 14 अगस्त, 2019 को ब्राउन फील्ड का 249 करोड़ का टेंडर अवॉर्ड हुआ था।
27 नवंबर, 2019 को काम शुरू हुआ और 30 अप्रैल, 2023 को इसे पूरा कर लिया गया। ग्रीन फील्ड का टेंडर 16 अक्तूबर, 2020 को अवॉर्ड हुआ और 12 अगस्त, 2021 को काम शुरू कर 7 जून, 2023 को इसे पूरा कर दिया। 6 अगस्त, 2023 को एनएचएआई ने फोरलेन को ट्रायल तौर पर यातायात के लिए शुरू कर दिया, लेकिन बरसात में फोरलेन को भूस्खलन से नुकसान हुआ। तीन माह के भीतर एनएचएआई ने इसे दोबारा दुरुस्त कर दिया। फोरलेन पर गरामोड़ा और बलोह टोल प्लाजा भी शुरू कर दिए गए हैं। एनएचएआई ने फोरलेन पर 60 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार निर्धारित की है। अधिक स्पीड होने पर फोरलेन पर लगाए कैमरों से खुद चालान होता है। अभी प्रदेश सरकार खुद गति निर्धारित करेगी। संवाद