प्रदेश को फल राज्य बनाने पर सात जिलों में खर्च होंगे 1292 करोड़ रुपये

प्रदेश को फल राज्य बनाने पर सात जिलों में खर्च होंगे 1292 करोड़ रुपये

हिमाचल प्रदेश को फल राज्य बनाने पर सात जिलों में 1292 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एचपी शिवा परियोजना के ऋण समझौते पर भारत सरकार, एशियन विकास बैंक और प्रदेश सरकार के बीच समझौता हस्ताक्षरित किया गया है। परियोजना के पहले चरण में 257 क्लस्टरों में 4000 हेक्टेयर भूमि पर संतरा, अमरुद, अनार, लीची, आम, प्लम, पिकननट और जापानी फल रोपे जाएंगे। वर्ष 2023 से 2028 तक 15,000 बागवान परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ देते हुए 60 लाख फल पौध रोपने का लक्ष्य रखा गया है। समझौते पर आर्थिक मामले विभाग के अतिरिक्त सचिव भारत सरकार, कंट्री डायरेक्टर एशियाई विकास बैंक तथा सचिव उद्यान हिमाचल प्रदेश सरकार ने हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्य के लोगों को बधाई देते हुए परियोजना को सफल बनाने का आवाहन किया है।

उद्यान सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि परियोजना के लागू होने से राज्य के बागवानों को स्वरोजगार के साथ-साथ फलों के उत्पादन से राज्य की आर्थिकी में प्रगति होगी। रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा। पर्यावरण संरक्षण व संतुलन की दिशा में भी राज्य के योगदान में वृद्धि होगी। परियोजना का क्रियान्वयन राज्य के उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों के 7 जिलों (बिलासपुर, हमीरपुर, कांगडा, मंडी, सोलन, सिरमौर तथा ऊना) के 28 विकास खंडों में 162 सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 400 बागवानी क्लस्टरों के 6000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कुल 2 चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में चिन्हित किये गये 257 क्लस्टरों के तहत 4000 हेक्टेयर में किसानों की निजी भूमि पर एक फसल-एक क्लस्टर एप्रोच में संतरा अमरूद, अनार, लीची, आम, प्लम, पिकननट जापानी फल आदि अन्य उपोष्ण कटिबंधीय फलों का रोपण किया जाएगा। शेष 2000 हेक्टर क्षेत्रफल में 143 क्लस्टरों, जिनका चिन्हीकरण किया जाना शेष है का विकास परियोजना के दूसरे चरण में किया जाएगा। एचपी शिवा परियोजना के तहत उद्यान विभाग को अधिशासी संस्था तथा जल शक्ति विभाग को कार्यान्वयन संस्था नियुक्त किया गया है।

बीज से बाजार संकल्पना पर आधारित है परियोजना
बीज से बाजार तक की संकल्पना पर आधारित इस परियोजना में किसानों को क्लस्टर एप्रोच में वैज्ञानिक तथा व्यवसायिक कृषि के साथ-साथ फसलोपरांत मूल्य वर्धन करते हुए बाजार से जोडा जाएगा। उद्यान सचिव ने बताया कि एचपी शिवा परियोजना के पायलट फेज का पूर्व में ही सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा चुका है। इसमें 17 क्लस्टरों के तहत 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फल पौधों का रोपण किया गया है। इनमें से 12 पायलट क्लस्टरों में बागवानाें ने संतरा, अमरूद व अनार का उत्पादन कर आर्थिक लाभ लेना आरंभ कर दिया है।

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