
फतेहपुर (कांगड़ा)। धमेटा-फ तेहपुर रोड पर गांव सिहाल के साथ लगती पौंग झील में वीरवार को करीब 100 से ज्यादा भेड़ों के डूब जाने से मौत होने की सूचना है।
जानकारी के अनुसार जिला चंबा के गांव होली के चार भेड़पालक परिवार वीरवार को सिहाल के साथ पौंग डैम के किनारे अपनी भेड़ों को चरा रहे थे। भेड़ों का एक झुंड पानी पीने के लिए पौंग के किनारे पहुंचा। इस दौरान कुछ आवारा कुत्ते वहां आ पहुंचे। भेड़ों को कुत्तों से बचाने के लिए भेड़ पालकों ने कुत्तों को वहां से भगाना शुरू किया। इसी बीच भेड़ों में भगदड़ मच गई और सभी भेड़ें पौंग के पानी में चली गईं। इस बीच पानी गहरा होने के कारण जो भेड़ें डर कर हांफती गईं, वह डूबती गईं। भेड़ों की मौत होते देखगद्दी परिवारों ने सहायता के लिए पुकारना शुरू किया। कुछ ही देर में सिहाल पंचायत के प्रधान सहित करीब दो दर्जन युवा घटनास्थल पर पहुंच कर अपनी जान की परवाह किए बिना भेड़ों को बचाने में जुट गए। स्थानीय युवाओं के प्रयासों से करीब 150 भेड़ें जिंदा बचा ली गईं। जबकि खबर लिखे जाने तक करीब 55 मरी हुई भेड़ें भी पौंग से बाहर निकाल ली गई थीं। जबकि बाकी भेड़ों को ढूंढने का कार्य जारी था।
वहीं पीड़ित गद्दी परिवारों ते मुखिया प्रीतम, संसार, दीनो तथा कुलवंत का कहना है कि उनके पास कुल 265 भेड़ों का झुंड था। इनमें से करीब सौ से ज्यादा भेड़ों की पौंग में डूबने से मौत हो गई है। तहसीलदार फतेहपुर जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। वहां पर 4 परिवारों की भेड़ों की मौत हुई है। शीघ्र पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिलाया जाएगा। कहा कि मृत भेड़ों को प्रशासन की देखरेख में पोस्टमार्टम उपरांत उन्हें दफना दिया जाएगा। वहीं पशु चिकित्सक विभाग फतेहपुर की डा. पूजा ने बताया कि पोस्टमार्टम में भेड़ों की डूबने से मौत होने की पुष्टि हुई है। थाना प्रभारी फतेहपुर तिलक राज ने बताया कि पुलिस ने रपट दर्ज कर घटनास्थल का दौरा कर छानबीन शुरू कर दी है। वहीं स्थानीय पंचायत प्रधान मेहर सिंह, जिप सदस्य संजीव पराशर सहित क्षेत्र के लोगों ने पीड़ित परिवारों को लिए प्रशासन से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।