नालागढ़-स्वारघाट हाईवे की दशा सुधरने की आस

नालागढ़ (सोलन)। नालागढ़ उपमंडल से गुजरते एकमात्र हाईवे नालागढ़-स्वारघाट के इस वर्ष सुधरने की आस जगी है। इसका कार्य जहां जोरों पर चला हुआ है। वहीं चिकनी नदी पर वर्ष 2007 में ढहे पुल का निर्माण कार्य भी जोरों पर चला हुआ है। हाईवे की दशा बहुरने से क्षेत्र के लोगों सहित पर्यटकों को झेलनी पड़ रही परेशानियों से अब निजात मिलने की संभावनाएं नजर आई है।
नालागढ़ से स्वारघाट तक इस हाईवे मार्ग की कुल लंबाई 32 किलोमीटर है। करीब 45 करोड़ रुपए की लागत से इसका कार्य दो भागों में बांटा गया है। इस कार्य के टेंडर अवार्ड कर दिए गए हैं। नालागढ़ से बगलैहड़ तक साढ़े 17 किलोमीटर पर 26.50 करोड़ रुपए, बगलैहड़ से स्वारघाट तक साढ़े 14 किलोमीटर तक 17.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 32 किलोमीटर के इस मार्ग को डबल लेन बनाया जा रहा है। जमीन अधिग्रहण का कार्य करीब पूरा है। हाईवे पर चिकनी नदी पुल का निर्माण भी तेजी से चला हुआ है। निर्माण 15 माह की अवधि में किया जाना है। पुल निर्माण का कार्य भी प्रगति पर है। क्षेत्र के विभिन्न संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी थी। यहां तक कि नालागढ़ उद्योग संघ के प्रेस सचिव अनिल शर्मा ने भूख हड़ताल तक करने का ऐलान किया। प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर यह धरना टल गया। 2010 में चंगर इलाके के पंचायत प्रतिनिधियों ने हाईवे मार्ग की बदहाली और चिकनी नदी पुल निर्माण में देरी को लेकर सोबनमाजरा में प्रदर्शन किया था। हाईवे अथारिटी सोलन के अधिशासी अभियंता महेश सिंघल ने कहा कि नालागढ़ से स्वारघाट तक 32 किलोमीटर सड़क निर्माण के टेंडर अवार्ड कर कार्य आवंटित कर दिया है। यह हाईवे मार्ग बेहतरीन मार्गों में से एक होगा। नालागढ़ के नवनिर्वाचित विधायक केएल ठाकुर ने कहा कि हाईवे की खस्ताहालत को सुधारना व पुल निर्माण करवाना उनकी पहली प्राथमिकता है।

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