
सोलन। कोहरे की मार नगदी फसलों व गेहूं पर काफी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि जिला सोलन में पैदावार नष्ट होने की कगार पर है। कोहरे के कारण गेहूं की फसल पीली पड़ने लगी है। प्रभावित किसानों ने राजस्व विभाग ने नुकसान के आकलन की मांग उठाई है। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की कृषि विभाग से गुहार की है।
किसानों रामदयाल, प्रमोद शर्मा, कृपा राम, मनोज कुमार, तरसेम सिंह, प्रवीण भारद्वाज, धर्मेश ठाकुर, विश्वनाथ, दीपक शर्मा, जीवन राम, कृपाल चंद, दिलरमेश सिंह, सतपाल, जीवन ठाकुर, नरेश कुमार, सोमनाथ और पंकज गुप्ता का कहना है कि उनकी नगदी पैदावार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है, साथ ही गेहूं की पौध पीली पड़ रही है।
विशेषज्ञों की मानें तो मैदानी क्षेत्रों में सुबह शाम पड़ने वाला कोहरे का नुकसान आम अमरूद और सबसे अधिक पपीता और इस दौरान होने वाली गेहूं की किस्मों पर पड़ रहा है। कोहरे का भंयकर प्रकोप फसलों को जला देता है। जिनसे इनका पैदावार रुक जाती है और वहीं जोे फल पौधों में लगे होते हैं उन्हें भी गलाकर खत्म देती है।
असावधानी से होगा नुकसान: विशेषज्ञ
पर्यावरण विशेषज्ञ सतीश भारद्वाज के मुताबिक कोहरे के प्रभाव से बचने के लिए मौजूदा समय में किसानों का सर्तक रहना बहुत जरूरी है। यदि किसान इस मुश्किल की घड़ी में फसलों और पौधों की सावधानी में छोटी से चूक करते हैं तो किसानों को अपनी मेहनत से हाथ धोना पड़ेगा।
इस तरह बचाए फसलें
1. किसान अपनी फसल को कोहरे के प्रभाव से बचाने के लिए पौधों को पूरी तरह से ढक दें, जिससे कोहरा पौधों तक न पहुंच सके। इसमें एक बात का ध्यान रखें कि सूर्य की किरणें पड़ने वाले स्थान पर थोड़ा सा खुला रखें, जिससे सूर्य की किरणों से मिलने वाले विटामिन पौधों का मिल सके । इससे पौधा बच सकता है।
2. प्रभावित क्षेत्र में अधिक धुंआ करने से भी कोहर या (पाला ) के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस बारे में पर्यावरण विभाग का कहना है कि खेतों में अधिक धुआं करने से घटते तापमान में पौधों के लिए तापमान समानता लाता है और पौधों पर पड़ने वाला कोहरे का प्रभाव भी कम होता है। घास और झाड़ियों का धुआं पर्यावरण के लिए नुकसानदायी नहीं होता है।
3. पौधों की अधिक सिंचाई करने से भी कोहरे का प्रभाव कम होता है। अधिक कोहरे पड़ने वाले स्थानों पर किसानों को अपने पौधों की अधिक सिंचाई करनी चाहिए। खेतों में अधिक सिंचाई करने से तापमान में बढ़ोतरी होती है और पौधे सुरक्षित रहते हैं।
4- मैदानी क्षेत्र में रहने वाले किसान कोहरे पड़ने वाले मौसम में इस तरह की फसल, फल और सब्जी की किस्म लगाए जो कि पाला रोधक हो। ऐसे कई किस्म के बीज बाजार में उपलब्ध है। विशेषज्ञों की सलाह से इनका प्रयोग किया जा सकता है।