
नई दिल्ली: भारत के दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बीते वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान घटकर 9.3 करोड़ डालर पर आ गया। वैश्विक आर्थिक नरमी और घरेलू मोर्चे पर समस्याओं के चलते एफडीआई में यह गिरावट आई। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के मुताबिक, 2011-12 की अप्रैल-जनवरी अवधि में दूरसंचार क्षेत्र में 1.99 अरब डॉलर एफडीआई आया था। दूरसंचार क्षेत्र में रेडियो पेजिंग, सेल्युलर मोबाइल, लैंडलाइन टेलीफोन सेवा शामिल है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ दो चीजों से दूरसंचार क्षेत्र में एफडीआई प्रवाह पर असर पड़ा। पहली वैश्विक आर्थिक नरमी और दूसरी घरेलू मोर्चे पर दिक्कतें।’’ इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए जीएसएम मोबाइल सेवा परिचालकों के निकाय सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन एस. मैथ्यूज ने कहा कि लाइसेंस निरस्त होने से जुड़ी समस्याओं और अस्थिर नीतियों से इस क्षेत्र में एफडीआई प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र के लिए निवेश के माहौल में तत्काल सुधार लाने की जरूरत है।
सरकार को स्पेक्ट्रम की लागत घटाने, स्थिर नीतियां एवं नियामकीय व्यवस्था उपलब्ध कराने की जरूरत है ताकि इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित किया जा सके।’’