
बद्दी / परवाणू (सोलन)। बीबीएन और परवाणू के कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पतालों में सस्ती दरों पर दवाइयां न मिलने का मुद्दा गरमा गया है। विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने इसके विरोध में आंदोलन की धमकी दी है। संगठनों का आरोप है कि निगम की लापरवाही के चलते उद्योगों से जुडे़ लाखों लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। अंतिम तिमाही बजट लैप्स हो चुका है। प्रदेश सरकार ने आर्डर के बावजूद भी ईएसआई अस्पतालों में दवाइयों की खेप नहीं भेजी। मौजूदा समय में ईएसआई अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में जरूरी दवाइयां भी खत्म हो चुकी हैं। लोगों को निजी मेडिकल स्टोर से महंगे दामों पर दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं। मजदूर संगठनों ने इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भेज दी है।
ढाई लाख के करीब हैं पंजीकृत कामगार
मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में ढाई लाख के करीब पंजीकृत कामगार हैं। इन सभी कामगारों के ईएसआई कार्ड बनाए गए हैं। कार्ड के आधार पर इन्हें सस्ती दरों पर ईएसआई से दवाइयां मिलती हैं। करोड़ाें का ईएसआई फंड प्रदेश सरकार को जाता है, बावजूद इसके दवाइयां अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। वर्ष 2012-13 में ईएसआई का बजट 7.50 करोड़ रुपये था, इसमें से करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की दवाइयां ही खरीदी जा सकी हैं। विभाग की लापरवाही के चलते करीब 3.50 करोड़ रुपये का बजट लैप्स हुआ है।
कहां जा रहा है बजट : कर्मचारी नेता
हिंद मजदूर सभा के अध्यक्ष मेला राम चंदेल, इंटक के प्रदेश उपाध्यक्ष गुरमेल चौधरी, और भामसं के जिला अध्यक्ष गोपाल चौधरी ने बताया कि अकेले बीबीएन क्षेत्र से हर माह करोड़ों ईएसआई फंड के रूप में प्रदेश सरकार को जाता है। इसके बावजूद भी मजदूरों को सस्ती दवाइयां मुहैया नहीं करवाई जा रही हैं। सितंबर माह से अस्पतालों में दवाइयों का कोटा ही नहीं आया। यदि जल्द विभाग ने कामगारों की समस्या को हल नहीं किया तो मजबूरन उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पडे़गा।
जल्द भेजी जाएगी दवाइयां : निदेशक
इस संबंध में ईएसआई चिकित्सा अधीक्षक संध्या गार्गिया ने बताया कि साल के आखिरी तिमाही खेप का आर्डर भेज दिया गया है व जल्द ही दवाइयां मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि आर्डर मिलते ही प्रदेश की सभी ईएसआई डिस्पेंसरियों में दवाइयां भेज दी जाएंगी।