टूजी घोटाला: ‘प्रधानमंत्री, मारन के खिलाफ प्राथमिकी की जरूरत नहीं’

नयी दिल्ली: सीबीआई ने आज दिल्ली की एक अदालत से कहा कि टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व संचार मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग करने वाली शिकायत पर कोई प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत नहीं है। सीबीआई ने आज एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल से कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत अक्तूबर 2011 में सीबाआई द्वारा मारन एवं अन्य के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी में पहले ही समाहित हो चुकी है।

अदालत ने गर्ग से सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट पर 17 जनवरी को जवाब दाखिल करने को कहा है। यह विषय आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत से जुड़ा हुआ है जिसके तहत उन्होंने प्रधानमंत्री और मारन पर स्पेक्ट्रम के पुनर्आवंटन से जुड़े मूल नियम एवं शर्तों को गैर कानूनी तरीके से बदलने और कमजोर करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने आरोप लगाया था कि इन बदलवों के चलते टूजी घोटला हुआ। गर्ग ने अदालत का रूख करने से पहले सीबीआई और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत भेजी थी। सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चूंकि तत्कालीन संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री दयानिधि मारन की भूमिका इस प्राथमिकी में पहले से जांच के दायरे में है इसलिए मौजूदा शिकायत पर कोई नयी प्राथमिकी दर्ज करने या जांच का निर्देश दिये जाने की जरूरत नहीं है।

हालांकि, इसमें प्रधानमंत्री का कोई जिक्र नहीं किया गया। इस बीच, अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल मोहन प्रसारण ने अदालत से कहा कि शिकायत उस विशेष अदालत में दर्ज कराई जानी चाहिए थी जिसका गठन टूजी घोटाले से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई के लिए किया गया है।

Related posts