
शिमला। हैरत! मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के वार्ड टुटू में अभी तक एक भी घर को सीवरेज कनेक्शन नहीं मिल पाया है। पानी की सप्लाई तीसरे दिन आती है तो स्ट्रीट लाइटें महज शोपीस बनकर रह गई हैं। सड़कों की हालत गांवों के रास्तों जैसी है। गलियों के रास्ते भी पूरी तरह टूट-फूट चुके हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार बसें बढ़ाने और एचआरटीसी की टैक्सी सेवा शुरू करने की मांग की पर परिणाम सिफर से आगे नहीं सरक पाया है। वहीं, नगर निगम इस वार्ड में पहली बार गृहकर लगाने की तैयारी कर रहा है।
इस वार्ड में मुख्य रूप से टुटू बाजार, लोअर टुटू, शिवनगर, यादगार, दिव्य नगर, पावर हाउस और विजय नगर जैसे क्षेत्र आते हैं। बड़ी बात यह है कि मुख्य चौक सहित बाजार में स्ट्रीट लाइट नहीं है। जो हैं, उनका रखरखाव नहीं है। डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन योजना भी यहां पूरी तरह लागू नहीं। पार्किंग न होने ही वजह से चौक व बाजार होकर आने वाली सड़क में जाम आम है। मुख्य चौक से पावर हाउस तक, एनएच-88 पर यादगार तक और एअरपोर्ट रोड पर शिवनगर तक पार्क वाहनों की कतारें लगी रहती हैं। आज तक वार्ड में पार्किंग का निर्माण नहीं हो सका। मुख्य सड़क में बरसों से टारिंग नहीं हुई है।
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नहीं मिले बिजली-पानी कनेक्शन : निर्मला
पार्षद निर्मला चौहान कहती हैं कि टुटू आधे से अधिक मकान नियमित नहीं हैं, जिस वजह से पानी, बिजली कनेक्शन नहीं मिले हैं। कुछ घरों में तो आज भी मोमबत्ती जलाकर गुजारा हो रहा है। वे जायज दरों पर मकान नियमित करवाने की मांग उठाती रही हैं। वार्ड को सीवरेज लाइन से जोड़ने की उनकी मांग पूरी नहीं हुई। टुटू में शिवनगर तक बस और टैक्सी सेवा की मांग को अनसुना किया जा रहा है। सुविधाएं मिलने तक वे टैक्स लागू नहीं होने देंगी।
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हमारी हमेशा अनदेखी ही हुई
सुरेंद्र ठाकुर कहते हैं कि टुटू की विकास की नजर से अनदेखी हुई है। पार्किंग न होने से सड़कें तंग हैं। मुख्य चौक पर हैंडपंप तक नहीं लगा। मुख्य चौक पर स्ट्रीट लाइट तक नहीं तो टैक्स किस बात का।
सुविधाओं के बिना टैक्स नहीं देंगे
रत्न गुप्ता कहते हैं कि रास्तों की हालत खराब है, लाइटें भी नहीं हैं। सीवरेज कनेक्शन नहीं मिल रहे। पुराने घरों के नियमित न होने से बिजली पानी कनेक्शन नहीं। सुविधाओं के बिना टैक्स नहीं देंगे।
भवनों का नियमितीकरण करे एमसी
राकेश कुमार कहते हैं कि बरसों से सैकड़ों भवन मालिक मकानों के नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं। गांव से भी बदतर जीवन जीने को मजबूर हैं। एमसी सुविधाएं देने के बाद टैक्स की बात करे।
नगर निगम पहले काम करके तो दे
निशा कुमारी कहती हैं कि टैक्स सुविधाओं की एवज में दिया जाता है, यहां जब सुविधाएं ही नहीं हैं तसे टैक्स किस बात का। एमसी वाले यहां आकर देखें कि क्या समस्याएं हैं।
बरसों से भुगत रहे समस्याएं
एसएम गुप्ता कहते हैं कि वार्ड को कभी साडा तो कभी नगर निगम में लाने का ही काम हुआ। यहां सुविधाओं का अभाव है। टैक्स की बात करना बेमानी है।
विकास हो तो टैक्स देने में हर्ज नहीं
शिवांका रांगड़ा कहते हैं कि हमें टैक्स देने में कोई परहेज नहीं। मगर पानी, बिजली, सड़क, स्ट्रीट लाइट, सफाई और सीवरेज कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए।
किस आधार पर मांग रहे हैं टैक्स
बलदेव राज कहते हैं कि लोगों की समस्याओं और उन्हें सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए आज तक कुछ नहीं हुआ। तो किस आधार पर एमसी टैक्स लागू करने की बात कर रहा है।