नंगल में वीरवार को जहरीली गैस के रिसाव का मुद्दा काफी गरमाया रहा। गैस का रिसाव किस कंपनी से हुआ, यह सवाल बना हुआ है। प्रशासन भी बिना किसी जांच के बोलने को तैयार नहीं। नंगल में दो ही बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। एक केंद्र सरकार की एनएफएल और दूसरी निजी इकाई पीएसीएल है। दोनों इकाइयों से कुछ ही दूरी पर है सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल है। यहां दो हजार से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।
बच्चों की जान गैस रिसाव के कारण खतरे में पड़ गई। माना जा रहा कि दोनों इकाइयों में एक से गैस का रिसाव हुआ। इससे करीब 32 बच्चों की हालत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल भेजा गया। गैस लीकेज के कारण प्रभावित बच्चों को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से नंगल व साथ लगते कुछ गांवों के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में तुरंत प्रभाव से छुट्टी कर दी। उधर, प्राइमो केमिकल के मुख्य महाप्रबंधक (वर्कस) एमपीएस वालिया ने कहा कि उनकी इकाई से किसी प्रकार की गैस का रिसाव नहीं हुआ।
गैस से प्रभावित बच्चे स्कूल की तीसरी मंजिल के थे। उनकी कंपनी की कलोरीन गैस भारी होती है और ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंच सकती। उन्होंने कहा कि जब भी क्षेत्र में गैस रिसाव का मामला सामने आता है तो उन्हीं की कंपनी का नाम उछाला जाता है। यह बिल्कुल गलत है। वहीं एनएफएल के उप महाप्रबंधक (एसआर) डीएस तोमर ने कहा कि बेशक एनएफएल से गैस का रिसाव नहीं हुआ। प्रशासन की टीमें अभी जांच में जुटी हैं। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।
प्रार्थना सभा में ही बच्चों को होने लगीं उल्टियां, घुटने लगा दम
सेंट सोल्जर स्कूल में बच्चों, अध्यापकों व अन्य में डर का माहौल रहा। सुबह की प्रार्थना सभा शुरू होते ही बच्चों को सांस लेने में दिक्कत आने के अलावा उल्टियों की शिकायत होने लगी। इसके बाद प्रार्थना सभा को रद्द कर बच्चों को जल्द स्कूल के कमरों में जाने को कहा तो कमरों में पहुंचने पर भी जब बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी तो बच्चे रोने चिल्लाने लगे।
सूचना मिलते ही पंजाब से सटे ऊना के क्षेत्रों में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
![सूचना मिलते ही पंजाब से सटे ऊना के क्षेत्रों में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम जहरीली गैस का रिसाव आखिर कहां से हुआ, कंपनियां कर रहीं इनकार](http://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/05/12/750x506/pic_1683875388.jpeg)