
बिलासपुर। हिमऊर्जा विभाग की ओर से ग्रामीण पगडंडियों को रोशन करने के लिए लगाई गई सोलर लाइटों की गुणवत्ता संदेह के घेरे में आ गई है। चार महीने पहले जिला में लगाई गई लाइटों में से कइयों ने जवाब दे दिया है। तकनीकी खराबी आने से लगभग डेढ़ सौ लाइटें खराब हो गई हैं। ऐसे में सोलर लाइटों को लगाने का कार्य फिलहाल रोक दिया गया है।
घुमारवीं क्षेत्र में पंचायत समिति के बजट की लाइटों को पंचायत प्रधान द्वारा स्थापित करने का मामला सामने आने के बाद अब इन लाइटों की गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठाए जाने लगे हैं। जिला परिषद, पंचायत समिति और पंचायत प्रधानों की मांग पर विभिन्न पंचायतों में सोलर लाइटें लगाई जा रही हैं। कइयों के लिए एमएलए ने बजट मुहैया करवाया है तो कहीं पर जिप और बीडीसी ने। पंचायत प्रधान भी अपने स्तर पर बजट का प्रावधान कर लाइटें लगा रहे हैं। इसके तहत हिम ऊर्जा विभाग ने नामी कंपनी के साथ पांच साल का अनुबंध हुआ है। पांच साल तक कंपनी ही लाइटों की देखरेख करेगी। उसके बाद संबंधित पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद जिसे इसकी जिम्मेवारी दी गई है, उसे इसकी देखरेख करनी होगी। लेकिन लाइटों में तकनीकी खराबी आई है। जिस वजह से यह दिक्कत आ रही है।
हिम ऊर्जा विभाग के परियोजना अधिकारी हितेष कपूर ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जिला में लगभग डेढ़ सौ लाइटें खराब हैं। लाइट लगाने वाली कंपनी ने लाइटों को आबजर्वेशन में रखा है। इसकी लाइटों में आ रही तकनीकी खराबी की जांच की जा रही है। उसके बाद ही लाइटें लगाई जाएंगी।