
चम्बा : प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था इस समय रामभरोसे है क्योंकि जम्मू-कश्मीर की सीमा के साथ सटी हिमाचल के जिला चम्बा की सीमा पर तैनात जवान आईटीबीपी की 9 सुरक्षा चौकियों से नीचे आ गए हैं और इनके स्थान पर अभी तक कोई भी अन्य सुरक्षा बल तैनात नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार मौजूद समय में जिला चम्बा की 213 किलोमीटर सीमा जोकि जम्मू-कश्मीर के आतंकवादी क्षेत्र के साथ सटी हुई है, पर किसी भी प्रकार की आतंकी वारदात को आतंकवादी अंजाम देने में सफल न हों इसके लिए जिला चम्बा कीसीमा को 4 सुरक्षा सैक्टरों में बांटा गया है जिसमें खैरी, किहार, तीसा व पांगी शामिल हैं। इनमें से 2 ऐसे सैक्टर हैं जहां के अतिसंवेदनशील क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा आईटीबीपी को सौंपा गया है। इसके लिए किहार व तीसा सैक्टर में आईटीबीपी की 10 बाहरी सुरक्षा चौकियों को स्थापित किया गया है। करीब 12 साल से इन सुरक्षा चौकियों के माध्यम से जिला की सीमा पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। अब केंद्र सरकार कह रही है कि जिला में इन अद्र्धसैनिक बलों की कोई जरूरत नहीं है तो वह इस बात को कैसे भूल गई कि पड़ोसी राज्य में अभी भी लश्कर व हिजबुल के आतंकी मौजूद हैं।
गौरतलब है कि किहार सैक्टर में वर्तमान में गढ़माता, खुंडी मराल, गुलेई, सप्पाचोली, गुल्लू दी मंडी, सोनतीथ व वन दा गोठ तो तीसा सैक्टर में दप्पन, थनूड़ व मंगली में आईटीबीपी की चौकियां मौजूद हैं। सूत्रों की मानें तो यहां तैनात जवानों को नीचे बुला लिया गया है जिसके चलते उपरोक्त चौकियों में 2-2 जवान ही सुरक्षा का जिम्मा उठाए हुए हैं। इसके चलते सीमा पर चलाई जाने वाली नियमित लंबी दूरी की गश्त यानी एलआरपी की व्यवस्था भी प्रभावित हुई है, ऐसे में केंद्र का यह निर्णय इन दिनों प्रदेश सरकार व सुरक्षा एजैंसियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।
हाल ही में जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों का पुलिस महानिदेशक आईडी भंडारी ने सुरक्षा व्यवस्था का दौरा किया, साथ ही वर्तमान में आईटीबीपी के जवानों के नीचे आने से स्थिति नि:संदेह चिंताजनक बनी हुई है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 13 व 14 दिसम्बर को जिला मुख्यालय में आईबी, सीआईटी व आईटीबीपी के उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक होने जा रही है जिसमें मौजूदा स्थिति के बारे में चर्चा की जाएगी और संभावना है कि इस दिन इस स्थिति पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
बीएम शर्मा, पुलिस अधीक्षक चम्बा