
श्रीनगर। बदरी-केदार महोत्सव में उत्सव ग्रुप की प्रस्तुति चक्र शकट व्यूह (जयद्रथ वध) खास आकर्षण रही। महाभारत कालीन इस लोक नाट्य ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा। इसके अलावा असम और छत्तीसगढ़ के लोक गीत, नृत्य भी आकर्षण का केंद्र रहे। प्रख्यात लोक गायिका मालिनी अवस्थी के गीतों का जादू सिर चढ़कर बोला।
बदरी-केदार उत्सव में बुधवार का दिन महा लोक नाट्य चक्र शकट व्यूह के नाम रहा। उत्सव ग्रुप की इस प्रस्तुति में चक्रव्यूह में अभिमन्यु वध के बाद का प्रसंग दिखाया गया। इसके अंतर्गत अर्जुन ने श्रीकृष्ण की माया के प्रभाव से जयद्रथ का वध करके अभिमन्यु की हत्या का बदला चुकाया। इस प्रस्तुति का खास आकर्षण रहा सेट डिजाइन और वेषभूषा, जिसने महाभारत कालीन लोक नाट्य को सजीव रूप दिया। कलाकारों में भीम (हरेंद्र रावत), योगमाया (भव्या भट्ट), दुर्योधन (हरीश पुरी), युधिष्ठिर (पंकज नैथाणी), अर्जुन (लखपत राणा) और सात्यकी (गणेश डिमरी) ने शानदार अभिनय किया। डॉ राकेश भट्ट के निर्देशन और गायन ने नाट्य को सजीव किया। लेखन, परिकल्पना और शोध शैलेंद्र तिवारी का था।
इसके पहले, असम का बीहू और झारखंड के लोकनृत्य ने भी वाह वाही बटोरी। कार्यक्रम का अंतिम हिस्सा मालिनी अवस्थी के नाम रहा। लोक गायिका ने अपनी मधुर आवाज से वो समा बांधा कि दर्शक अपनी कुर्सियों से चिपके रह गए। उन्होंने बैरन रेलिया, हर-हर गंगे जैसे लोक गीतों के जरिए श्रोताओं को मंत्रमुग्घ किया। इससे पूर्व, कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद सतपाल महाराज और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री अमृता रावत ने किया। इस अवसर पर विधायक गणेश गोदियाल, संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट, बलराज नेगी, अनिल बिष्ट, शहर कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह नेगी, अनूप बहुगुणा, प्रदीप रौथाण, दर्शन दानू आदि मौजूद थे।
जल्द शुरू करेंगे गढ़वाली चैनल: महाराज
सांसद सतपाल महाराज ने बदरी-केदार उत्सव के उद्घाटन के अवसर पर गढ़वाली चैनल और एकेडमी खोलने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी संस्कृति और मिट्टी से जोड़ने के लिए भाषा महत्वपूर्ण योगदान देती है। इसके लिए जल्द ही एक गढ़वाली चैनल शुरू किया जाएगा। इसके अलावा एक एकेडमी भी खोली जाएगी, जहां युवाओं को संस्कृति और भाषा संबंधी जानकारियों से रूबरू करवाया जाएगा।
लोक नाट्य के कारण संस्कृति जिंदा: अमृता
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री अमृता रावत महाभारत कालीन लोक नाट्य चक्र शकट व्यूह के प्रदर्शन से अभिभूत नजर आईं। उन्होंने इस भव्य प्रस्तुति के लिए उत्सव ग्रुप की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रस्तुतियां ही लोगों को संस्कृति से जोड़े हुए हैं, लेकिन ढोल प्रशिक्षण केंद्र के विषय में संस्कृति मंत्री ने अपना पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि ये पूर्व सीएम बीसी खंडूरी के कार्यकाल का मामला है, इस लिए वही जानें।