
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश राजकीय अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (मनकोटिया गुट) के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने कहा है कि महासंघ की ओर से कर्मचारियों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सरकार के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कुछ स्वयंभू नेता कर्मचारियों को गुमराह कर रहे हैं। यदि इन्हें इतना ही शौक है तो वह वर्ष 2014 में होने वाले महासंघ के चुनावों में भाग लें।
बिलासपुर में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सुरेंद्र मनकोटिया ने कहा कि महासंघ की ओर से कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए 82 सूत्रीय मांग पत्र तैयार किया गया है। इस मांग पत्र पर चरचा करने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से जल्द ही जेसीसी की बैठक करवाने का आग्रह किया है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद कई लोग अपने आप को कर्मचारी नेता बता रहे हैं। एक नेता ने चुनाव करवाने की भी तैयारी कर ली है। जो महासंघ के संविधान के अनुसार नहीं है। 2005 तक महासंघ की कार्यकारिणी का कार्यकाल 2 वर्ष था। 2005 में महासंघ के कांगड़ा में हुए अधिवेशन में संविधान में संशोधन किया गया। इसमें कार्यकारिणी का कार्यकाल 3 वर्ष निर्धारित किया गया। इसके बाद 2008, 2011 में महासंघ के चुनाव हुए। अब कार्यकारिणी के चुनाव 2014 में होंगे। इस चुनाव में कोई महासंघ सदस्य चुनाव लड़ सकता है। महासंघ की ओर से निर्णय लिया गया है कि जिला इकाइयां संबंधित उपायुक्त को अपना मांग पत्र सौंपेगी। इस मौके पर वरिष्ठ उपप्रधान अनिल चड्डा, आयुर्वेदिक संघ सचिव बलवीर, देवराज, चेतराम वर्मा, प्रदीप मौजूद थे।