काश! समझ पाते बेटे के बदले व्यवहार को

शिमला। सुंदरनगर के राजकीय पालीटेक्निक आटोमोबाइल के 16 वर्षीय छात्र ऋ षि दत्ता को इलाज के लिए सुंदरनगर से रेफर कर आईजीएमसी में भर्ती किया गया है। भट्टाकुफर भराड़ी में रहने वाले ऋ षि दत्ता की मां भावना और पिता नरेंद्र दत्ता बेटे के जख्मों को देख फूट फूट कर रो पड़ते हैं। मां का कहना है कि उनके बेटे को यातना देने वालों जेल में डालो। उन्होंने कहा कि फोन पर बात होती थी तो ऋ षि हां और ना में ही जवाब देता था। मां ने माथा पकड़ लिया और कहा कि हे भगवान! मैं बेटे के बदले व्यवहार को क्यों भांप नहीं पाई।
अभिभावकों का कहना है कि ऋ षि के पूरे शरीर में जख्म हैं। ऋषि को पूछते हैं तो वह कहता है कि 22 दिसंबर को क्या हुआ, उसे पूरा याद नहीं। उसे इतना याद है कि सुंदरनगर से वह घाघस तक पैदल पहुंचा। यहां से खरड़ कैसे पहुंच गया, याद नहीं है।
पिता नरेंद्र दत्ता कहते हैं कि जब से खरड़ से उनका बेटा इस हाल में मिला है, तब से लेकर वह चुपचाप है। करीब एक माह से उसके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा था। उसने घर भी बात करना कम कर दिया था। मोबाइल पर सिर्फ उसकी मां से ही बात करवाई जाती थी। उसमें भी बेटा सिर्फ हां और ना में ही जवाब देता था। उससे नशे का सामान मंगवाया जाता था। मना करने पर मारपीट की जाती थी। 22 दिसंबर रात बेटे को फोन किया गया, मगर बात नहीं हो सकी। पीजी मालिक को फोन किया तो बताया कि वह कमरे में नहीं है। 23 दिसंबर को परिजन सुंदरनगर पहुंचे। पीजी में ऋषि के बिस्तर पर खून मिला। इस पर स्थानीय पुलिस को सूचना दी। 23 दिसंबर रात खरड़ पुलिस का फोन आया कि उनका बेटा यहां है। वहां से ऋषि को सुंदरनगर लाया गया, जहां से उसे आईजीएमसी रेफर किया गया है। नरेंद्र और भावना ने मांग की है कि पूरे मामले की छानबीन हो। ऋषि के जबड़े, बाजू, पीठ, हिप गुप्तांगों में भी चोटें हैं।

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