
हमीरपुर से मंडी तक प्रस्तावित एनएच-3 के निर्माण में हो रही अनियमितता और संबंधित क्षेत्रों में हो रही परेशानी पर प्रभावित व पीड़ित मंच के तीखे तेवरों को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी अब हरकत में आए हैं।
सोमवार को इस मामले में एनएचएआई के पुनर्वास अधिकारी सुरेंद्र उपाध्याय अपनी टीम के साथ टौणी देवी पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों के हितों से जुड़े मुद्दे पर मंच के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। हालांकि, इस दौरान उन्हें ग्रामीणों के रोष व गुस्से का सामना करना पड़ा। हंगामेदार रही यह बैठक बेनतीजा रही।
एनएचएआई के रिसेटलमेंट और पुनर्वास अधिकारी सुरेंद्र उपाध्याय के सोमवार को पहुंचने की सूचना मिलते ही समीरपुर, संगरोह, सपनेहड़ा, बारीं, टपरे, दरकोटी और छत्रैहल गांवों से ग्रामीण बड़ी संख्या में टौणी देवी पहुंच गए। प्रभावित ग्रामीणों ने मंच के बैनर तले प्राधिकरण अधिकारी से बैठक कर मुआवजा न मिलने, बेतरतीब खुदाई से घरों को खतरा, ड्रेनेज , पार्किंग, अंधे मोड़ों का निर्माण, डंगे में लग रहे सीमेंट, रेत बजरी की घटिया क्वालिटी, निर्माण कंपनी के तुगलकी फरमान और लोगों को डराने धमकाने की शिकायतें जोरशोर से उठाईं। संतोषजनक जबाव नहीं मिले तो बैठक हंगामे में तब्दील हो गई।
ग्राम पंचायत बारीं के प्रधान रविंद्र ठाकुर, मंच के उपाध्यक्ष जोग राज, महासचिव अजय चौहान, विजय बहल, व्यापार मंडल के प्रधान पवन सोनी ने कहा कि एनएच का निर्माण कर रही कंपनी की नीयत साफ नहीं है। कंपनी की नीतियां प्रभावितों को चक्का जाम, धरना प्रदर्शन और आंदोलन की ओर अग्रसर कर रही है। उधर, प्राधिकरण के अधिकारी सुरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर वह सोमवार को टौणी देवी पहुंचे थे। बैठक में जो भी समस्याएं मंच के माध्यम से ग्रामीणों ने उठाईं हैं, उन्हें एनएचएआई के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा कर शीघ्र समाधान निकाला जाएगा।