
बिलासपुर। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत के नाम पर एक तरह से लीपापोती ही हो रही है। शहर से गुजरने वाले एनएच पर पड़े गड्ढों में मोटी बजरी तारकोल के साथ मिलाकर भरी जा रही है, जो साथ-साथ में उखड़ भी रही है। ऐसे में सड़क पर रोड़ी बिखरने से दोपहिया वाहन चलाना जोखिम भरा साबित हो रहा है।
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह बने गहरे गड्ढों को भरने के लिए पैचवर्क का काम चल रहा है। गंभर, जामली व छड़ोल आदि के बाद अब बिलासपुर शहर में एनएच पर पड़े गड्ढे भरे जा रहे हैं। इसके लिए तारकोल के साथ मोटी बजरी मिलाकर इन गड्ढों में भरी जा रही है। सही ढंग से रोलिंग न हो पाने की वजह से जगह-जगह बजरी उखड़ने भी लगी है। ऐसे में सड़क पर बजरी बिखरने से वाहन चालकाें को मुश्किल हो रही है। बजरी पर फिसलने की वजह से दोपहिया वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है।
शहरवासियों अखिलेश, अंकुर, साहिल, दिनेश, राकेश, नवीन व प्रशांत आदि का कहना है कि इस तरह की लीपापोती का क्या फायदा है। बाद में पैचवर्क पर खर्च होने वाली तथाकथित भारी-भरकम राशि के आंकड़े लोगों के सामने रख दिए जाएंगे। बेहतर होगा कि मरम्मत कार्य सही ढंग से किया जाए ताकि लोग काफी समय तक राहत महसूस कर सकें। उधर, इस बारे संपर्क साधने पर एनएच के कनिष्ठ अभियंता रिखीराज गौतम ने कहा कि मौसम के मिजाज को देखते हुए फिलहाल गहरे गड्ढों को भरा जा रहा है। मौसम साफ होने के बाद सड़क को समतल करने के लिए दो सेंटीमीटर मोटाई की एक और लेयर बिछाई जाएगी।