उचित मुआवजा, रोजगार मिले तो किसान जमीन देने के लिए तैयार

उचित मुआवजा, रोजगार मिले तो किसान  जमीन देने के लिए तैयार

प्रदेश सरकार ने जिला मंडी के बल्ह उपमंडल में बनने वाले ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए भू अधिग्रहण की कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए जनसुनवाई का कार्य रविवार को शुरू कर दिया है। पहले दिन जरलु व ढाबन मुहालों में जन सुनवाई रखी थी। इसमें एयरपोर्ट की जद में आने वाले भूमि मालिकों ने भाग लिया। किसानों ने कहा कि अगर सरकार उचित मुआवजा, रोजगार देगी तो जमीन देने को तैयार हैं। इससे पहले सामाजिक आकलन का कार्य कर रही कंपनी के अधिकारियों ने किसानों को एयरपोर्ट में जनसुनवाई के बारे में बताया।

किसानों ने अपनी बात कंपनी के अधिकारियों के समक्ष रखी। जरलु मुहाल के हरदेव ने कहा कि हम विकास के साथ चलने वाले हैं। सरकार अगर बनाना चाहती है तो एयरपोर्ट बनकर रहेगा। किसानों के हितों व भविष्य के बारे में सरकार ध्यान दे। कहा कि हम एयरपोर्ट बनाने के पक्ष में हैं, लेकिन हमें जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए। बच्चों को योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाए।

जरलु के बालक राम, होशियार ने कहा कि हमारी पंद्रह बीघा जमीन इसकी चपेट में आ रही है, हम इसे देने को तैयार हैं, लेकिन सरकार भी हमारे बारे में सोचे। राकेश जमवाल ने मांग रखी कि जमीन के बदले जमीन, नौकरी, जीवन यापन के साधन मुहैया करवाए जाएं। जन सुनवाई में बल्ह बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने भी अपना एक मांगपत्र दिया और एयरपोर्ट समर्थन कमेटी के सदस्यों ने भी एयरपोर्ट बनाने के पक्ष में ज्ञापन दिया। उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी, एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी, जिला पर्यटन अधिकारी मनोज सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, जन प्रतिनिधि मौजूद रहे।

एसडीएम बोलीं- 29 जून तक पूरा किया जाना है काम 
एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी ने कहा कि ग्रीन फील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बल्ह मंडी की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए प्रशासन ने चिह्नित क्षेत्र से प्रभावित होने वाले लोगों से आपत्तियां दस्तावेजों सहित पेश करने के लिए निर्धारित तिथियों की घोषणा की है। इसे लेकर जनसुनवाई का कार्य शुरू हो गया है। यह कार्य 29 तक पूरा किया जाना है।

20 से 25 लाख बिस्वा के हिसाब से दिया जाए मुआवजा 
ढाबण में दो बजे के बाद जनसुनवाई का कार्य शुरू हुआ। जहां के किसानों ने भी एयरपोर्ट बनाने के पक्ष में ही कहा। किसानों का कहना है कि हम एयरपोर्ट के लिए जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन हमारी भी कुछ मांगें हैं। अगर सरकार उन्हें पूरा करती है, तभी जमीन दी जाएगी। डॉ. पीसी सैनी ने कहा कि बल्ह नगदी फसलों के लिए जाना जाता है। यहां का किसान नगदी फसलों से करीब पांच लाख प्रति बीघा कमाता है।

बल्ह में ढाबण गांव में फसलें अच्छी होती हैं। यहां पर बहुत से कृषि स्नातक और कृषि अधिकारी हैं। कई कृषि वैज्ञानिक हैं। हम जमीन बेचना चाहें तो 20 से 25 लाख बिस्वा के हिसाब से बेचेंगे। किसानों को जमीन यहां के नजदीक दी जाए। सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाए जो इस समय हमारे पास हैं। एयरपोर्ट के बाहर जो थोड़ी जमीन बचेगी उसे भी अधिग्रहीत किया जाए। पानी की निकासी को लेकर सही तरीके से चैनलाइजेशन किया जाए। 

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