खटीमा। उत्तराखंड क्रांतिदल का जिला स्तरीय द्विवार्षिक सम्मेलन केंद्रीय पर्यवेक्षक खड़क सिंह बगड़वाल की देखरेख में संपन्न हुआ। सम्मेलन में प्रमुख रूप से वक्ताओं ने उक्रांद द्वारा किए कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा अधिक बढ़ने के कारण दल को राष्ट्र की मुख्य धारा से हासिए पर धकेला गया। इसको पटरी पर लाने के लिए दल के कार्यकर्ताओं को एकबार फिर संघर्ष करना होगा।
कंजाबाग रोड स्थित जिला कार्यालय पर आयोजित जिला सम्मेलन में कार्यकर्ताओं ने जमकर मन की भड़ास उतारी। वक्ताओं ने कहा कि आज भी प्रदेश वासी जल, जंगल व जमीन के अस्तित्व के लिए संघर्षरत हैं। बावजूद उनकी प्रदेश एवं केंद्र स्तर पर कोई सुनने वाला नहीं है। पहाड़ी राज्य की अवधारणाएं सही नीतियों के क्रियानवयन न होने से क्षीण हो चुकी हैं। राज्य गठन के 10 वर्ष तक भी उत्तराखंडी स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। पहाड़ से लोगों का पलायन थमा नहीं है।
सम्मेलन में नियुक्त चुनाव अधिकारी केशर सिंह बिष्ट देखरेख में आम सहमति से मुकेश मोहन शर्मा को जिलाध्यक्ष चुना गया। उन्हें शीघ्र ही जिला कार्यकारिणी गठन करने के निर्देश दिए। संचालन शिव लाल रस्तोगी ने किया। सम्मेलन में गुणवंत जोशी, विनोद राजपूत, कमल असवाल, अब्दुल फरीद सिद्दीकी, गोविंद सिंह बिष्ट, राम सिंह धामी, मनोरथ तिवारी, जगत सिंह भंडारी, जगदीश चंद्र गुरुरानी, जसवीर सिंह, दिनेश चंद्र भट्ट, दलीप सिंह धामी, गोपाल सिंह मेहता, संतोष मल्होत्रा, भरत रावल आदि मौजूद थे।
इस अवसर कमलापति पांडे, जगत सिंह भंडारी, निधेष बाल्मीकि, राजू, दीपक, रिंकू, करन, बसंत, रोहित, शिवम, अशोक सागर, मदन, सुनील, मोहित, सूरज, मुकेश आदि दो दर्जन लोगों ने उक्रांद की सदस्यता ग्रहण की।