ईको विलेज बनेंगे हिमाचल के चार गांव, खर्च होंगे 50 लाख

ईको विलेज बनेंगे हिमाचल के चार गांव, खर्च होंगे 50 लाख

प्रदेश में में इस वर्ष चार ईको गांव ईको विलेज के रूप में विकसित किए जाएंगे। इनमें जिला शिमला के चौपाल ब्लॉक का खंगना, ब्लॉक रोहड़ू की लोअर कोटी पंचायत का सिद्धरोटी, जिला ऊना के अंब ब्लॉक का गांव चपरोह और जिला हमीरपुर की नेरी पंचायत का बलेटा गांव शामिल हैं। इस योजना के तहत इन गांवों में पांच वर्षों तक करीब 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग इन गांवों के लिए चार-चार लाख का बजट जारी करता है। अन्य बजट अन्य योजनाओं के साथ कन्वरज कर खर्च किया जाता है

ये गांव वर्ष 2022 में चयनित किए गए हैं। ईको विलेज योजना का उद्देश्य संसाधनों की कमी, बदलती जलवायु और संबंधित पर्यावरण चुनौतियों से निपटने के लिए एक कुशल गांव समुदाय का निर्माण करने और अपने कौशल और दक्षताओं को विकसित करने के तौर तरीकों को तैयार करना है। पर्यावरण संरक्षण और कूड़े का निष्पादन करने पर भी कार्य किया जाएगा। योजना का उद्देश्य संसाधनों की कमी, बदलती जलवायु और संबंधित पर्यावरण चुनौतियों से निपटने के लिए एक कुशल गांव समुदाय का निर्माण करने और अपने कौशल और दक्षताओं को विकसित करने के तरीके तैयार करना है।

प्रदेश के 13 ईको विलेज का हुआ है विकास
प्रदेश में इससे पहले 13 ईको विलेज बनाए गए हैं। इनमें जिला मंडी के जंजैहली व गांव लेह, सिरमौर का देओथल, बघौली, किन्नौर से कमरू गांव, बिलासपुर से गांव टेपरा और कंदरौर, सोलन का महोग, कुल्लू का शलीन, कांगड़ा का विलेज कोरी, विलेज बीड, ऊना का चंगर, चंबा का ग्राम भंजरू, हमीरपुर के गांव लग मनवी को वर्ष 2020 में आदर्श ईको विलेज के तहत विकसित किया गया। योजना के तहत उन गांवों का चयन किया जाता है, जिनकी जनसंख्या 200 से अधिक होती है। उधर, पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक डीसी राणा, चीफ साइंटिफिक अफसर डॉ. सुरेश अत्री, हमीरपुर के नोडल अधिकारी डॉ. मनुम शर्मा ने कहा कि प्रदेश में ईको विलेज बनाए जा रहे हैं। विकास अधिकारी अभिनीत कात्यान ने कहा कि नेरी पंचायत के बलेटा गांव को मॉडल ईको विलेज योजना के तहत चयनित किया गया है।

Related posts