ईएमआई पर नहीं मिली राहत, नए साल में उम्मीद

साल के अंत में सस्ते कर्ज की आस लगाए निवेशकों को मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक से निराशा हाथ लगी है। रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति (मध्य तिमाही) समीक्षा में रेपो रेट और नकद आरक्षण अनुपात (सीआरआर) में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है।

आरबीआई ने रेपो रेट 8.0 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट 7.0 फीसदी और सीआरआर को 4.25 फीसदी पर ही बनाए रखा है। इसके पहले, आरबीआई ने 30 अक्तूबर को पेश मौद्रिक नीति में सीआरआर में 0.25 फीसदी की कमी की थी। हालांकि लोगों के लिए राहत की यह बात है कि आरबीआई ने मंगलवार को पेश मौद्रिक नीति में संकेत दिया है कि जिस तरह से महंगाई दर में कमी आ रही है, उसे देखते हुए अब मौद्रिक नीति में विकास को तरजीह दी जाएगी। ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में ब्याज दरों में कमी आ सकती है। यानी, लोगों को नए साल की शुरुआत में सस्ती ब्याज दरों का तोहफा मिल सकता है।

अक्तूबर में पेश मौद्रिक नीति के समय भी आरबीआई ने यह संकेत दिया था कि वह थोड़ी राहत की जगह प्रभावशाली राहत देने के पक्ष में हैं। ऐसे में अर्थशास्त्री जनवरी में होने वाली मौद्रिक नीति में रेपो रेट में 0.50 फीसदी तक की कमी आने की संभावना कर रहे हैं। मंगलवार को पेश नीति में आरबीआई ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी सुधार के संकेत दिख रहे हैं। साथ ही भारत सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए नीतिगत फैसलों को देखते हुए और नए फैसलों से अर्थव्यवस्था में तेजी आने के साथ-साथ निवेश का भी माहौल बनेगा।

हालांकि आरबीआई अभी भी महंगाई को लेकर चिंतित है। खासतौर से फलों और कमोडिटी की ऊंची कीमतें चिंता का विषय है। आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने से निराश उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि महंगाई दर कम हो रही है। साथ ही पूंजी नहीं आ रही है, जिसकी वजह से रोजगार पर भी नकारात्मक असर हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि उद्योग जगत को सस्ती दर पर कर्ज मिले।

आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर के अनुसार रिजर्व बैंक का महंगाई की जगह विकास पर जोर देने का संकेत देना स्वागत योग्य कदम है। आने वाले दिनों में आरबीआई मौद्रिक नीति में प्रमुख दरों में कमी करने के संकेत दे रहा है। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ के अनुसार आरबीआई के संकेत से साफ है कि वह जनवरी और मार्च 2013 दोनों में में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कमी कर सकता है। ईक्रा के एमडी एवं सीईओ नरेश टक्कर के अनुसार अग्रिम कर भुगतान को देखते हुए हमें उम्मीद थी कि आरबीआई सीआरआर में 0.25 फीसदी की कमी करेगा।

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