चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 की सफलता के बाद भारत अब अंतरिक्ष में मानव भेजने के अपने मिशन को साकार करने में जुट गया है। इस गगनयान मिशन के बारे में चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक पी वीरामुथुवेल ने बताया कि इसका रोडमैप बना लिया गया है। इसे जल्द ही भेजा जाएगा।
वीरामुथुवेल ने कहा, चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग एक बेहद खास तकनीक है, जिसे हासिल कर भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। हमने इसमें विशेषज्ञता अर्जित की है। इसके आगे केवल मानव को अंतरिक्ष खोज अभियान में भेजना बाकी रह जाता है। इसी को गगनयान मिशन अंजाम देगा। इस अंतरिक्ष खोज अभियान में मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, जिसके लिए रोडमैप बनाया गया है। इसरो ने भी शनिवार को ही बताया था कि गगनयान मिशन के लिए मानव रहित उड़ान परीक्षण शुरू किए जाएंगे। टेस्ट व्हीकल अबोर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) की तैयारियां भी हो चुकी हैं। टीवी-डी1 के जरिये मिशन के दौरान त्रुटि नजर आने पर यात्रियों को बचाकर निकालने की प्रणाली को परखा जाएगा। इसरो के अनुसार, इन परीक्षण उड़ानों से बचे हुए परीक्षण व मानव रहित मिशन को अंजाम देने में मदद मिलेगी।
क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम
इससे पहले, इसरो ने बताया कि जल्द गगनयान के परीक्षण वाहन को लॉन्च किया जाएगा। ताकि क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण किया जा सके। इसके लिए फ्लाइट टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) की तैयारी चल रही है।गौरतलब है, रोबोट और ह्यूमनोइड (मानव जैसा रोबोट) को अंतरिक्ष में भेजकर क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। गगनायान के तीसरे वाहन परीक्षण एलवीएम3-जी1 के तहत जिस ह्यूमनोइड को भेजा जाएगा, उसके जरिये क्रू के सामने आने वाली तमाम चुनौतियों की जानकारी जुटाई जाएगी।
करीब 900 करोड़ रुपये की लागत का यह अभियान अगले वर्ष लॉन्च होगा। हटन ने बताया कि तीन वाहन परीक्षण किए जाने हैं, जिनमें पहला वाहन परीक्षण मिशन टीवी-डी1, दूसरा टीवी-डी2 मिशन और तीसरा परीक्षण एलवीएम3-जी1 असल में गगनयान का मानव रहित मिशन होगा। असल में रोबोट और ह्यूमनोइड (मानव जैसा रोबोट) को अंतरिक्ष में भेजकर क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। गगनायान के तीसरे वाहन परीक्षण एलवीएम3-जी1 के तहत जिस ह्यूमनोइड को भेजा जाएगा, उसके जरिये क्रू के सामने आने वाली तमाम चुनौतियों की जानकारी जुटाई जाएगी।