
भोजनगर (सोलन)। विद्युत बोर्ड की बिल काटने की नई तकनीक उपभोक्ताओं के लिए आफत बन गई है। इलेक्ट्रानिक बिल मशीन में गड़बड़ी के चलते कई उपभोक्ताओं के बिल मीटर रीडिंग से अधिक आए हैं। विकास खंड सोलन की भोजनगर पंचायत में उपभोक्ताओं के हजारों में बिल आए हैं। अधिकांश के बिल 3000 हजार रुपये से अधिक आए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग हिटर, ब्लौर और अन्य बिजली से चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल भी कम ही होता है। ऐसे में ग्रामीणों में इस बात को लेकर रोष व्याप्त है। ग्रामीणों को आरोप है कि अधिक बिल आने से उनका सारा बजट बिगड़ गया है। उन्होंने इस बारे में स्थानीय विधायक से शिकायत करने का मन बना लिया है।
केस 01-भोजनगर निवासी प्रकाश शर्मा ने बताया कि उनके मीटर में 71 यूनिट बिजली जली है और उनका बिल 3800 रुपये आया है। उनका कहना है कि इसकी शिकायत विधायक से की जाएगी।
केस 02-स्थानीय दुकानदार लीला दत्त का बिजली बिल 3300 रुपये आया है। जबकि दुकान में मात्र दो बल्ब हैं वह भी शाम को एक से डेढ़ घंटे तक चलते हैं।
केस 03-तड़ोल निवासी रणजीत सिंह वर्मा ने बताया कि उनका बिल पहले 150 से 300 के बीच में आता था, जबकि इस बार 3000 रुपये से अधिक आया है। इनके अतिरिक्त भी दर्जनों उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके बिल अधिक आए हैं।
छह माह बाद आ रहे हैं बिल
बिजली बोर्ड की ओर से घरेलू बिल काटने के लिए यूनिटें तय की गई हैं। इसके अनुसार पहली 100 यूनिट पर कम चार्ज। उसके बाद 50-50 यूनिटों के बाद रेट बढ़ते जाते हैं। यह चार्ज दो माह के लिए तय किए जाते हैं। मगर छह माह बाद बिल वसूलने के लिए भी बोर्ड वही पैंतरा अपना रहा है। छह माह में काटी गई यूनिटें ज्यादा होती हैं। जबकि यदि बोर्ड दो माह में बिल काटे तो यह कम आएगा।
इलेक्ट्रानिक मशीन से आई समस्या : शर्मा
इस विषय में बिजली बोर्ड के सहायक अभियंता केडी शर्मा ने बताया कि इस बार इलेक्ट्रानिक तरीके से बिल काटने की शुरूआत की जा रही है तो उसमें कुछ खामी हो सकती हैं यदि ऐसा है तो बिलों को सहायक अभियंता कार्यालय में जाकर उपभोक्ता ठीक करवा सकते हैं।