
दिल्ली(वीरेन्द्र खागटा ) चलती बस में गैंगरेप का शिकार हुई युवती को बेहतर इलाज के लिए बुधवार को सिंगापुर ले जाया गया है। मंगलवार देर रात उसकी हालत बेहद बिगड़ गई थी, जिसके बाद सरकार ने उसे इलाज के लिए विदेश भेजने का फैसला किया।
दिन भर चली तैयारियों के बाद बुधवार रात सफदरजंग अस्पताल से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल की एंबुलेंस युवती को आईजीआई एयरपोर्ट ले गई। जहां से उसे लेकर विशेष एयर एंबुलेंस सिंगापुर रवाना हो गई। इससे पहले युवती को विदेश भेजने की बात बेहद गोपनीय रखी गई। बुधवार को युवती का मेडिकल बुलेटिन भी जारी नहीं किया गया था। साथ ही सफदरजंग अस्पताल से मीडियाकर्मियों को भी हटा दिया गया था।
युवती के साथ उसके माता-पिता, दोनों भाई और मेदांता के डॉ. नरेश त्रेहन के अलावा युवती का यहां इलाज कर रहे सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों की टीम भी गई है। युवती को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
इस अस्पताल में इलाज की बेहतरीन सुविधाएं हैं और दुनिया भर से जाने माने लोग भी इलाज कराने यहां पहुंचते हैं। सूत्रों के मुताबिक यहां युवती की सेहत में सुधार लाने के साथ ही उसकी आंत के ट्रांसप्लांट की कोशिश भी की जाएगी।
इससे पहले बुधवार को युवती की हालत पर कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद से पूछा कि यदि युवती की हालत सुधर नहीं रही है तो विदेश में उसका बेहतर इलाज कराने पर विचार किया जाना चाहिए।
इस पर आजाद ने कहा कि वह इस बारे में सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं। इसके बाद आजाद ने वरिष्ठ अधिकारियों और डॉक्टरों से बात करने के बाद तय किया कि युवती को सिंगापुर ले जाया जाएगा। इसके साथ ही युवती को सिंगापुर ले जाने की तैयारियां शुरू हो गईं। आनन फानन में युवती और उसके परिवार का पासपोर्ट बनवाया गया। पासपोर्ट और अन्य जरूरी कागजात के लिए आईसीयू में ही छात्रा के फोटो लिए गए।
रात करीब पौने ग्यारह बजे मेदांता अस्पताल की एंबुलेंस सफदरजंग अस्पताल से युवती को लेकर निकली तो खुलासा हुआ कि उसे विदेश ले जाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि युवती को आंत ट्रांसप्लांट के लिए पहले अमेरिका ले जाने की बात चल रही थी। लेकिन अमेरिका से मना होने के बाद उसे सिंगापुर ले जाया गया।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि युवती को मंगलवार रात दिल की परेशानी हुई थी। इससे डॉक्टर घबरा गए थे। हवाई यात्रा के दौरान उसे किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नरेश त्रेहन को उसके चेकअप के लिए बुलाया गया था। त्रेहन ने जांच की और विदेश ले जाने के लिए अनुमति दे दी। जीबी पंत अस्पताल के आईजी सर्जरी के अनिल अग्रवाल को भी जांच के लिए बुलाया गया था।
क्यों भेजा सिंगापुर
भारत से सिंगापुर की यात्रा में कम समय लगता है। युवती की बेहद नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर उसके लिए ज्यादा लंबी यात्रा नहीं चाहते थे। इसके अलावा अंगों के ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल को एशिया में सबसे बेहतरीन अस्पताल में माना जाता है।
माउंट एलिजाबेथ अस्पताल की खासियत
सिंगापुर के पार्कवे हेल्थ ग्रुप का 373 बेड वाला माउंट एलिजाबेथ एक स्पेशिलिटी अस्पताल है। इसकी आधिकारिक शुरुआत 1979 में हुई थी। इस अस्पताल की विशेषता कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, न्यूरोसाइंस के इलाज की है। यहां पर ब्लेडलेस कैटरेक्ट सर्जरी, प्रोस्टेट कैंसर, थायराइड और कोलोरेक्टल कैंसर की रोबोटिक सर्जरी, स्टेम सेल प्रत्यारोपण, प्रतिरोपण की अत्याधुनिक सुविधा मौजूद है।
बिगड़ गई थी युवती की हालत
दस दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही पीड़ित युवती की हालत मंगलवार रात बेहद बिगड़ गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि लड़की को ब्रैडीकार्डिया का अटैक हुआ था, जिसके चलते उसका पल्स रेट अचानक 50 से भी नीचे पहुंच गया था। हालांकि डॉक्टरों ने पांच मिनट की कोशिश के बाद उसे रिकवर कर लिया। इसी के चलते हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. नरेश त्रेहन को युवती की स्वास्थ्य जांच के लिए बुधवार को सफदरजंग बुलाया गया था।