
शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में शनिवार को मरीजों को टेस्ट रिपोर्ट के लिए खासा परेशान होना पड़ा। वजह, बीएससी मेडिकल टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स ने वार्षिक समारोह इनफ्यूजन-2013 में मेडिकॉज के उत्पात और तोड़फोड़ के विरोध में शनिवार को ड्यूटी नहीं की। इन्होंने एकत्रित होकर प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपकर दोषियों को दंड देने की वकालत की। आरोप है कि मेडिकॉज ने डीजे पार्टी में उत्पात मचाया और कैफेटेरिया में तोड़फोड़ के बाद छात्राओं से अभद्रता की। वे डंडाें, रॉड और हॉकी से लैस थे। उधर, मामले की जांच के लिए बीएससी मेडिकल टेक्नोलॉजी और अस्पताल प्रबंधन के छह-छह अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है। सोमवार को यह अनुशासन समिति अपनी रिपोर्ट देगी। प्रिंसिपल डा. एसएस कौशल ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आया है। जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। निष्पक्षता से मामले की जांच की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले प्रशिक्षु डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
वारदात से सहमी हैं छात्राएं
शिमला। स्टाफ सलाहकार बीएससी नर्सिंग एवं विकिरण सुरक्षा अधिकारी विनोद चौहान ने कहा कि प्रशिक्षु डाक्टरों की गुंडागर्दी से छात्राएं सहमी हुई हैं। छात्राओं से छेड़छाड़ का यह पहला मामला नहीं है। बीते वर्ष भी सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद प्रशिक्षु डाक्टरों ने उत्पात मचाया था। तब जांच के आश्वासन के बाद मामला सिरे नहीं चढ़ा था।
प्रशिक्षु डाक्टरों पर दंगा करने का केस दर्ज
लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी में आईजीएमसी के प्रशिक्षु डाक्टरों के खिलाफ दंगा फसाद करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है। आईजीएमसी के सिक्योरिटी गार्ड हीरा सिंह ने मामला दर्ज कराया है। उन्होेंने कहा कि शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे एमबीबीएस के करीब साठ छात्र आडिटोरियम के डाइनिंग हॉल में जबरन घुस आए। इन सभी छात्रों के पास हॉकी स्टीक, डंडे और रॉड थीं। इन्होंने डाइनिंग हॉल में आकर तोड़फोड़ कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा।