अब सरसा नदी नहीं झेलेगी प्रदूषण का दंश

मानपुरा (सोलन)। बद्दी के केंदूवाला में 80 करोड़ की लागत से बन रहे जल शोधण संयंत्र का कार्य जून 2014 तक पूरा हो जाएगा। क्षेत्र के नदी नालों में जल प्रदूषण को देखते हुए सरकार की तरफ से यह निर्देश जारी हुए हैं। संयंत्र के बनने से बद्दी और बरोटीवाला के उद्योगों को दूषित पानी संयंत्र में पाइपों से पहुंचेगा तथा वहां पर ट्रीटमेंट करके इसे सरसा नदी में छोड़ा दिया जाएगा। जिससे वातावरण प्रदूषित न हो।
प्रदूषण से आबोहवा पर गहरा असर पड़ रहा है। सरसा नदी का पानी दूषित होने से नदी में मछलियां भी समाप्त हो गई हैं। किसी समय में यह मछलियां यहां रोजगार का साधन थी। वहीं बरोटीवाला सरसा नदी का उद्गम स्थान है। यहां से यह पंजाब के जगातखाना तक बहती है और वहां पर यह नदी सतलुज में मिल जाती है। सरसा नदी में मानपुरा, किशनपुरा और बागवानियां से भी सहायक नदियां मिलती हैं।
मानपुरा पंचायत के प्रधान देवराज, सनेड़ के प्रधान कमल चौधरी, किशनपुरा के पूर्व प्रधान दिलीप चंद चौधरी, मलपुर के प्रधान करनैल सैणी और युवा भाजपा नेता संजीव ठाकुर ने बताया कि सरसा नदी प्रदूषित होने से मछलियों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। यहां पर उद्योग आने से दूषित पानी नदी नालों में फेंका जा रहा है। जिससे यह समस्या आती है। हल्की सी बारिश होते ही उद्योगों को गंदा पानी नदी में बहना शुरू हो जाता है। इस पानी से जहां जमीन की उर्वरक शक्ति समाप्त हो गई है वहीं पशु, पक्षियों व जीव जंतुओं के लिए खतरा बना हुआ है।
इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधीक्षण अभियंता चेतन जोशी ने बताया कि बद्दी में बीबीएनडीए के ओर से 80 करोड़ रुपये की लागत से कामन ईटीपी प्लांट लग रहा है। जिसका निर्माण कार्य 14 जून 2014 से पहले पूरा होना है प्लांट के चालू होने के बाद उद्योगों का दूषित पानी खुले में या नदी नालों में नहीं जाएगा जिससे स्वयं ही सरसा नदी का पानी स्वच्छ हो जाएगा।

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