
मंडी। सदर के विधायक अनिल शर्मा को प्रदेश मंत्रिमंडल में लिए जाने को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मंत्रिमंडल में पहले दौर में अनिल शर्मा को शामिल न किए जाने से सदर क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ता और मतदाता निराश हैं। इधर, पं. सुखराम जिनका सदर में एकछत्र दबदबा कायम रहा है, वह भी अपने बेटे को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से निराश हैं। वहीं सदर के विधायक अनिल शर्मा अभी भी मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर आशावान हैं। सुखराम और अनिल शर्मा अब हाईकमान के समक्ष अपनी दावेदारी पेश करने दिल्ली पहुंच गए हैं, जबकि सदर ब्लाक कांग्रेस ने भी बुधवार को मंडी में बैठक कर अनिल शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग की है। इस बारे में प्रस्ताव पारित कर हाईकमान को भेजा गया है। वहीं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से अनिल शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल करने की वकालत की है। इधर, मंगलवार को ही अनिल शर्मा दिल्ली रवाना हो गए। बुधवार को उन्होंने दिल्ली में हाईकमान के समक्ष अपना पक्ष रखा। अनिल शर्मा का कहना है कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की बात की जाती रही, मगर बाद में उनका नाम सूची से गायब होने पर उन्हें निराशा हुई। हालांकि, उनसे जूनियर विधायकों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है, जबकि वह 1993 में वीरभद्र सिंह के मंत्रिमंडल में मंत्री बने थे। वहीं 1998 में राज्य सभा के सांसद रहे हैं। 2004 में कांग्रेस की प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को सदर से भारी लीड दिलवा कर जीत दिलवाई, जबकि वीरभद्र को भी सदर से लीड दिलवाई। सदर से तीसरी बार विधायक बने अनिल शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल लेकर कई अटकलें जारी हैं। इधर, जिला मंडी कांग्रेस महासचिव रवि सिंह ठाकुर का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि वीरभद्र सिंह अनिल शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल कर उनकी निष्ठा और ईमानदारी का इनाम देंगे।