भारत के इन 26 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी , जानिए पूरी रिपोर्ट

भारत के इन 26 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी , जानिए पूरी रिपोर्ट

मौसम विभाग के अनुसार मानसून ने अपने तय समय से छह दिन पहले यानी दो जुलाई को पूरे देश को कवर कर लिया है। देश के अधिकांश राज्यों में तेज बरसात हो रही है। पूर्वोत्तर के हिस्से में हालात ज्यादा खराब हैं। मणिपुर और असम में बारिश से बाढ़ की स्थिति बन गई है। मणिपुर में स्कूल-कॉलेज बृहस्पतिवार तक बंद कर दिए गए हैं। वहीं, नगालैंड में बीते कुछ दिनों में बारिश संबंधी घटनाओं से करीब पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी 

इस बीच मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, असम, नगालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम में अति भारी बारिश और 9 राज्यों- हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

7 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कल यानी 4 जुलाई का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले चार दिनों के दौरान देश के उत्तर-पश्चिम और मध्य हिस्सों में बिजली और गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 3 और 4 जुलाई को कुछ स्थानों पर भारी से लेकर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड में अगले तीन दिनों के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, असम एवं मेघालय में 4 से 6 जुलाई के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। मध्य महाराष्ट्र में 5 से 7 जुलाई के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

वहीं, मौसम का आकलन करने वाली एजेंसी स्काईमेट का कहना है कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश संभव है। पूर्वोत्तर भारत, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पूर्वी गुजरात, तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा, मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। जबकि पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों, पूर्वी राजस्थान, विदर्भ, ओडिशा, केरल, हिमाचल प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, रायलसीमा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है।

असम में बाढ़ से बिगड़े हालात  
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि भौगोलिक कारकों के चलते बाढ़ की ऐसी स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि चीन, भूटान और अरुणाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बारिश के चलते असम में बाढ़ आई है जो राज्य के नियंत्रण से परे है। पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के चलते असम समेत पूर्वोत्तर के राज्य बाढ़ का सामना कर रहे हैं। असम में स्थिति अत्यधिक गंभीर है और राज्य के 27 जिलों में 16.25 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में ब्रह्मपुत्र समेत सभी नदियां उफान पर हैं। बारपेटा, कछार, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप समेत राज्य के 28 जिले बाढ़ की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हैं। लखीमपुर जिले में सबसे अधिक 1.65 लाख बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

काजीरंगा पार्क, बुनियादी ढांचे को नुकसान
तटबंधों, सड़कों, पुलों और अन्य ढांचों को भारी नुकसान पहुंचा है। अब तक 48 लोगों की जान जा चुकी है। स्थानीय प्रशासन के साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आपात सेवाओं और वायु सेना की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। विभिन्न जिलों में 490 राहत शिविर में तीन लाख लोगों ने शरण ली है। काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है। अब तक 167 वन्यजीव शिविर जलमग्न हो गए हैं। आठ शिविरों को खाली कर दिया गया है। काजीरंगा में 11 जानवर डूब गए हैं, वहीं 65 को बचा लिया गया।

अरुणाचल में 60,000 लोग प्रभावित
अरुणाचल प्रदेश में प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नामसाई, लोहित, चांगलांग और पूर्वी सियांग जिले बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से राज्य में 60,000 लोग प्रभावित हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने को कहा है। मणिपुर के इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिले में बारिश के कारण दो प्रमुख तटबंधों के टूटने से बाढ़ आ गई। बाढ़ का पानी कई रिहायशी इलाकों में घुस गया है। भारत-म्यांमार मार्ग का लगभग तीन किलोमीटर के हिस्से पर पानी भर गया है और एक हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्य चल रहा है।

पूरे देश में बारिश के लिए अनुकूल हालात
आईएमडी के अनुसार, पूरे देश में मानसूनी बारिश के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हैं। इसके चलते अगले चार दिनों तक जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पूर्व में ओडिशा और झारखंड और दक्षिण में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्य स्तर की बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तराखंड-असम में आज बारिश का रेड अलर्ट
असम और उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना है और दोनों राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार, नगालैंड, मणिपुर, मिजोर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में भारी से भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

नगालैंड में बारिश से पांच लोगों की मौत 
नगालैंड में बीते कुछ दिनों में बारिश की घटनाओं से करीब पांच लोगों की मौत हो गई है। नागालैंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनएसडीएमए) के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉनी रुआंगमेई ने बताया कि 28 जून को तुएनसांग जिले के केजोक गांव के दो लड़के अयोंग नाले में बह गए। 29 जून को कोहिमा जिले में दज़ुवुरु नदी में एक युवक बह गया था, लेकिन उसका शव बरामद नहीं किया जा सका। सोमवार को त्सेमिन्यु जिले में नसोनजी झील में एक युवक डूब गया। 1 जुलाई को नोक्लाक जिले के न्गुहाईउ में एक व्यक्ति तेज धारा में बह गया और बाद में शव मिला। वहीं, मोकोकचुंग जिले में कई भूस्खलन की खबरें आई हैं। पिछले दिनों लगातार बारिश के बाद राज्य की कई नदियों में जल स्तर बढ़ने के साथ, एनएसडीएमए ने लोगों से मानसून के मौसम के दौरान मछली पकड़ने या पिकनिक से परहेज करने का अनुरोध किया है।

भारत-म्यांमार मार्ग   का लगभग तीन किलोमीटर के हिस्से पर पानी भर गया है और एक हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्य चल   रहा है।

बदरीनाथ-यमुनोत्री हाईवे समेत कई सड़कें बंद
उत्तराखंड में मंगलवार से हो रही बारिश के कारण कई सड़कें मलबा आने से बंद हो गई। मलबे के कारण चमोली में बदरीनाथ हाईवे जहां 12 घंटे से अधिक समय तक बाधित रहा वहीं उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे पर भी करीब तीन घंटे यातायात ठप रहा। इसके चलते बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब और यमुनोत्री धाम के यात्री परेशान रहे। इधर, पौड़ी, टिहरी और रुद्रप्रयाग में भी भारी मात्रा में मलबा आने से कई सड़कें बाधित रहीं। पौड़ी-कोटद्वार हाईवे बुधवार सुबह खोला जा सका। इसके चलते करीब 300 लोग रात भर वहीं   फंसे रहे।

लेह जा रहे एक टैंकर के कारण पुल के एक हिस्से को पहुंचा नुकसान
केलांग (लाहौल-स्पीति)। सरचू में बैली ब्रिज को नुकसान होने से मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही 19 घंटे तक रुकी रही। बुधवार शाम करीब 4:00 बजे सीमा सड़क संगठन ने पुल को दुरूस्त कर दोनों तरफ रोके गए वाहनों को गंतव्य की तरफ रवाना किया। सरचू के पास बीआरओ का बैली ब्रिज मंगलवार रात करीब 9:00 क्षतिग्रस्त हो गया। सीमा सड़क संगठन ने पुल की मरम्मत को देखते हुए वाहनों को आवाजाही को रोक दिया। इस कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई।

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