स्वास्थ्य सुविधाओं की खस्ता हालत पर सदन में बिफरा विपक्ष, आज स्वास्थ्य मंत्री देंगे जवाब

स्वास्थ्य सुविधाओं की खस्ता हालत पर सदन में बिफरा विपक्ष, आज स्वास्थ्य मंत्री देंगे जवाब

प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी का आरोप लगाकर विपक्ष ने सोमवार को विधानसभा सदन में राज्य सरकार को घेरा। स्वास्थ्य व परिवार कल्याण के कटौती प्रस्ताव पर विपक्ष के 18 विधायकों ने अपने सुझाव रखे। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल कटौती प्रस्ताव पर अपना जवाब देंगे। चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने हिमकेयर, सहारा और आयुष्मान योजना का मरीजों को लाभ नहीं मिलने का आरोप लगाया। स्वास्थ्य संस्थानों में डाॅक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ के पद भरने सहित कोरोनाकाल के दौरान नियुक्त आउटसोर्स कर्मचारियों को दोबारा नौकरी देने की मांग उठाई। विपक्ष के विधायकों ने प्रदेश में दवा माफिया के हावी होने का मामला भी उठाया। इसके अलावा विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करने की मांग भी रखी।

कटौती प्रस्ताव के तहत सुलह से भाजपा विधायक विपिन परमार ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के कई अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों के पद रिक्त हैं। अगले वित्त वर्ष के बजट में चिकित्सा अधिकारियों के पदों को भरने का कोई जिक्र नहीं है। पूर्व सरकार ने लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए पीएचसी खोले थे, जिसे मौजूदा सरकार ने बंद कर दिया। अस्पतालों और मेडिकल काॅलेजों में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना का रोगियों को लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने आईजीएमसी और टांडा मेडिकल काॅलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने का सरकार से आग्रह किया। परमार ने कहा कि हिमकेयर योजना लोगों के लिए जीवनदायिनी है, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस योजना की लगभग 200 करोड़ की देनदानियां अभी तक नहीं चुकाई हैं।

ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी कुछ किया जाने की जरूरत है। दवा माफिया ने दवाइयों पर कमीशन के जरिये करोड़ों की संपत्ति बना ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि माफिया दबाव बनाकर डाॅक्टरों के तबादले भी कर रहा है। उन्होंने इससे निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई। पांवटा से विधायक सुखराम चौधरी ने पांवटा के मुख्य अस्पताल में स्टाफ की कमी का मुद्दा उठाया। पांवटा साहिब का सिविल अस्पताल बीमार है और आईसीयू में चला गया है। मंडी से विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अस्पतालों में स्टाफ की भारी कमी है और ग्रामीण इलाकों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। चुराह से विधायक हंसराज ने कहा कि मेडिकल काॅलेज चंबा में डाॅक्टरों की भारी कमी है।

कई विभागों में उपयुक्त स्टाफ नहीं है। चुराह के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में सरकार बदलने पर कई डाॅक्टरों के तबादले कर दिए गए। भरमौर से विधायक डाॅ. जनकराज ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र पांगी-भरमौर की दुर्गम भौगोलिक को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की जरूरत है। भरमौर में डाॅक्टरों के 127 पद स्वीकृत हैं और इनमें 87 पद रिक्त हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से वर्तमान जनसंख्या के हिसाब से डाॅक्टरों का कैडर बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने डाॅक्टरों की एनपीए की मांग को भी जायज ठहराया।

श्रीनयना देवी के विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि एक ओर सरकार बेसहारा व अनाथ बच्चों के लिए सुखाश्रय योजना चला रही है, तो दूसरी ओर हिमकेयर और सहारा योजना के पैसे लटकाकर विरोधाभास पैदा कर रही है। रणधीर शर्मा ने दवा कंपनियों के सैंपल फेल होने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। सरकार को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। रणधीर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा कि है कि सरकार हर हलके में सुविधाओं से लैस आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाएगी। लेकिन श्री नयनादेवी का आदर्श स्वास्थ्य संस्थान एक ही डाॅक्टर के सहारे चल रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर भाजपा विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों के स्वास्थ्य संस्थानों से भेदभाव करने का आरोप लगाया। कोरोना काल में ऑक्सीजन प्लांट के लिए आउटसोर्स पर तैनात कर्मचारियों को दोबारा से नियुक्त करने की भी मांग की।

नाचन से विधायक विनोद कुमार ने कहा कि उनके विधानसभा में चार आयुर्वेदिक अस्पतालों में डाॅक्टरों की भारी कमी है और सरकार जल्द यहां नियुक्तियां करे। सरकाघाट के विधायक दिलीप ठाकुर ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों में मेल व फीमेल हेल्थ वर्करों के कई पद रिक्त हैं। बिलासपुर से विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान और पूर्व सरकार की हिमकेयर योजना गरीबों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन मौजूदा सरकार इन योजनाओं की धनराशि लटकाने का काम कर रही है। द्रंग से विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने कहा कि उनके हल्के में मेडिकल स्टाफ के कई पद रिक्त चल रहे हैं। चर्चा में भाजपा विधायक रीना कश्यप, राकेश जम्बाल, जीतराम कटवाल, पवन काजल, डीएस ठाकुर और इंद्र सिंह ने भी हिस्सा लिया। शाम सात बजे सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

ससुराल वालों को मुख्यमंत्री से थी बहुत उम्मीद : बिक्रम
जसवां परागपुर से विधायक बिक्रम सिंह ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री का ससुराल है और लोगों को बड़ी उम्मीद थी, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनके विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य संस्थानों की हालत खस्ता है। स्वास्थ्य संस्थानों में डाॅक्टरों के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भी पद खाली पड़े हैं। स्वास्थ्य मंत्री को यहां के स्वास्थ्य संस्थानों का जायजा लेना चाहिए। बिक्रम सिंह ने प्रदेश सरकार पर कांगड़ा जिला की स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांगड़ा की अनदेखी करने से कांग्रेस सरकार के अच्छे दिन नहीं आएंगे।

विनोद, हंसराज के नमो हैट्रिक पर हुड विस अध्यक्ष ने जताई आपत्ति
भाजपा के विधायक विनोद कुमार और डॉ. हंसराज सोमवार को विधानसभा सदन में नमो हैट्रिक लिखा हुड पहनकर आए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने नियम 299 के उपनियम 14 का हवाला देते हुए आपत्ति जताई। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियमों के अनुसार सदन में इस प्रकार के कपड़े नहीं पहने जाते। उन्होंने कहा कि कपड़ों में विशेष प्रकार के बैज भी नहीं लगाने चाहिए। इस पर विधायक डॉ. हंसराज ने कहा कि भगवा रंग के कपड़ों पर क्यों आपत्ति जताई जा रही है।

अतिक्रमण की सूचना दें विधायक, जांच कर करेंगे कार्रवाई : नेगी
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी कहा कि अतिक्रमण की अगर कोई विशेष सूचना है तो उन्हें दी जाए। वह इस पर जांच शुरू कर कार्रवाई करेंगे। नेगी ने यह जानकारी मंगलवार को विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो और विनोद सुल्तानपुरी के प्रश्न के उत्तर में दी। राजस्व मंत्री ने प्रश्नकाल में कहा कि यह सत्य है कि प्रदेश में कई स्थानों पर ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लोगों ने महत्वपूर्ण रास्तों पर अवैध रूप से कब्जा किया है। इससे कई लोगों को मार्ग का अधिकार नहीं मिल रहा है। भू-राजस्व अधिनियम में अवैध कब्जों को हटाने के प्रावधान पहले से ही मौजूद हैं। कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में भी कई क्षेत्रों के कुछ लोगों ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे किए हैं। इन पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। नेगी ने कहा कि जहां तक सड़क किनाराें पर अवैध कब्जों का मामला है तो इन्हें लोक निर्माण विभाग को हटाना होता है। विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने अनुपूरक प्रश्न किया कि बहुत सारे मकान शामलात जमीन में बने हैं। इन्हें बिजली के कनेक्शन भी मिले हैं। इनके कौन कस्टोडियन हैं, क्या छानबीन करेंगे। इस पर मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि अगर कोई विशेष सूचना है तो इसे दिया जाए। इस पर वह कार्रवाई करेंगे।

श्री बज्रेश्वरी देवी सहित 4 मंदिरों में न्यास का गठन नहीं
जिला कांगड़ा के श्री ज्वालाजी मंदिर, श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर, श्री चामुंडा मंदिर, श्री रामगोपाल मंदिर, शिव मंदिर बैजनाथ, शिव मंदिर महाकाल, भागसूनाग मंदिर धर्मशाला, दुर्वेश्वर महादेव मंदिर धर्मशाला, नरसिंह देव मंदिर नगरोटा सूरियां और कालीनाथ कालेश्वर मंदिर रक्कड़ में गैरसरकारी सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर, श्री चामुंडा मंदिर, श्री रामगोपाल मंदिर और श्री नरसिंह देव मंदिर सरकार की ओर से अधिग्रहित हैं। इन मंदिरों में न्यास गठित नहीं किए गए हैं। न्यास गठन के मामले सरकार के विचाराधीन हैं। ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती के प्रश्न के लिखित उत्तर में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह जानकारी सदन के पटल पर रखी।

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