सुप्रीम कोर्ट ने 2000 के नोट बदलने की गाइडलाइंस के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने 2000 के नोट बदलने की गाइडलाइंस के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार

बिना आईडी प्रूफ 2000 के नोट बदलने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने आरबीआई के बिना आईडी प्रूफ दो हजार के नोट बदलने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी याचिका
बता दें कि चलन से बाहर किए जा रहे 2000 के नोटों को बिना आईडी प्रूफ और डिपॉजिट स्लिप के बैंकों में जमा करने की सुविधा दी गई है। इस फैसले के खिलाफ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज होने के बाद अश्विनी उपाध्याय  ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि अब वहां से भी उन्हें राहत नहीं दी गई है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने बीती 19 मई को नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि 2000 के नोट चलन से बाहर किए जा रहे हैं। जिसके तहत लोग बैंकों में 2000 के नोट जमा करा सकते हैं। बैंकों में 2000 के नोट जमा करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है।

एसबीआई ने एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों की सुविधा के लिए बिना पहचान पत्र और जमा पर्ची के ही 2000 के नोट बदलने की सुविधा दे दी थी। याचिका में कहा गया कि सरकार का यह फैसला मनमाना है और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2000 के नोट या तो व्यक्तिगत लॉकर में पहुंच चुके हैं और उन्हें आतंकियों, नक्सलियों, ड्रग तस्करों, खनन माफिया और भ्रष्ट लोगों ने जमा कर लिया है।

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