सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज परीक्षा के लिए अस्वीकृत उम्मीदवारों को दी बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज परीक्षा के लिए अस्वीकृत उम्मीदवारों को दी बड़ी राहत

हिमाचल प्रदेश सिविल जज परीक्षा (एचजेएस) के लिए अस्वीकृत उम्मीदवारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च अदालत ने अंतरिम राहत देते हुए आयोग को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ताओं को आवश्यक प्रवेश पत्र जारी करे और यह सुनिश्चित किया जाए कि उनमें परीक्षा के लिए केंद्र दर्शाया गया हो। अदालत ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि यह अंतरिम राहत उनके पक्ष में समानता नहीं बनाएगी और यह याचिका के नतीजे के अधीन रहेगी।

अदालत ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को प्रारंभिक परीक्षा देने से रोकने के आयोग के फैसले को बरकरार रखा था। अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं का आवेदन इसलिए रद्द किया गया कि उम्मीदवार का नाम लिखने के बजाय प्रमाण पत्र जारी करने वाले व्यक्ति ने आवेदक लिखा था।

यह है मामला
सिविल जज के लिए 9 जुलाई को निर्धारित छंटनी परीक्षा के लिए लोक सेवा आयोग ने 1700 आवेदन रद्द कर दिए थे। हाईकोर्ट ने अधिकांश उम्मीदवारों की याचिकाएं खारिज कर दी थीं। आयोग ने दलील दी थी कि अस्वीकृत उम्मीदवारों ने नियमों के अनुरूप दस्तावेज अपलोड नहीं किए थे। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि याचिकाकर्ताओं को जो प्रमाणपत्र अपलोड करने थे, वह किसी सरकारी प्राधिकरण से जारी नहीं किए जाने थे।

उम्मीदवारों को दो राजपत्रित अधिकारियों से चरित्र प्रमाण पत्र अपलोड करने थे। सरकारी प्राधिकरण से जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्र जैसे जाति, उपजाति, अनुसूचित जाति, चरित्र, स्थायी निवासी आदि प्रमाण पत्रों को आवेदन करने की अंतिम तिथि से पहले कई बार प्राप्त नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा था कि ऐसे प्रमाण पत्रों को आवेदन करने की अंतिम तिथि के बाद भी जमा करवाया जा सकता है।

लोक सेवा आयोग की ओर से अदालत को बताया गया था कि सिविल जज परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए 22 अप्रैल 2023 को अधिसूचना जारी की गई थी। उम्मीदवारों को निर्धारित नियमों के अनुरूप दस्तावेज अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे। आयोग ने सिविल जज के लिए प्रारंभिक परीक्षा 9 जुलाई के लिए निर्धारित की है।

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