सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट सेवाएं बर्खास्त करने के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट सेवाएं बर्खास्त करने के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से किया    इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं को बर्खास्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय में पहले से ही मामले की सुनवाई चल रही है। कार्यवाही को दोहराने का कोई मतलब नहीं है। इसे नियमित बेंच के सामने ही आने दें।

इंटरनेट बंद होने से प्रभावित हो रही लोगों की आजीविका
बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैती समुदाय द्वारा जनजातीय आरक्षण देने की मांग के खिलाफ हिंसा भड़की थी। 3 मई से भड़की इस हिंसा के चलते राज्य में अब तक 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सरकार ने एहतियातन राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद की हुई हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद करने से आम जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। ऐसे में वकील चोंगाथम विक्टर सिंह और बिजनेसमैन मायेंगबम जेम्स ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि करीब एक महीने से पूरे राज्य में इंटरनेट बंद होने से उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है। याचिका में ये भी कहा गया है कि इंटरनेट बंद करना अभिव्यक्ति की आजादी और व्यापार करने की आजादी के भी खिलाफ है।

लोगों में डर का माहौल
जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने कहा कि याचिका को पहले रेगुलर बेंच के सामने पेश करें। हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है तो फिर सुनवाई को दोहराने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि मणिपुर सरकार ने मंगलवार को राज्य में जारी इंटरनेट बैन की समय अवधि को 10 जून तक बढ़ा दिया है। सरकार के इस कदम के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि इंटरनेट बंद होने की वजह से लोग अपने परिजनों और प्रियजनों से बात नहीं कर पा रहे हैं। इससे डर का माहौल है।

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