सुक्खू सरकार बीबीएमबी के बाद अब चंडीगढ़ में भी मांगेगी अपना हिस्सा

सुक्खू सरकार बीबीएमबी के बाद अब चंडीगढ़ में भी मांगेगी अपना हिस्सा

सुक्खू सरकार  भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के बाद अब केंद्रशासित राज्य चडीगढ़ में भी अपना हिस्सा मांगेंगी। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत अंतर राज्यों के बीच हुए समझौतों को खंगालने के लिए सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी गठित कर दी है। कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी में उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन सिंह चौहान और राजस्व मंत्री जगत नेगी को सदस्य बनाया गया है। ऊर्जा सचिव कमेटी के सदस्य सचिव होंगे। शुक्रवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने राजपत्र में इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। कमेटी बीबीएमबी की परियोजनाओं समेत चंडीगढ़ में प्रदेश की हिस्सेदारी के दावों से संबंधित रिकॉर्ड जांचेंगी। मामले पर अध्ययन करने के बाद कैबिनेट को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर सरकार इन मामलों को केंद्र और पंजाब सरकार के साथ उठाएगी। सत्ता संभालने के बाद से मुख्यमंत्री सुक्खू इस बात पर जोर दे रहे हैं कि बीबीएमबी के साथ-साथ चंडीगढ़ में भी प्रदेश की हिस्सेदारी है।

आने वाली पीढि़यों के लिए हिमाचली हितों की पैरवी करने को मुख्यमंत्री अपना जिम्मा बताते रहे हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि हिमाचल हर क्षेत्र में पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के अनुसार अपना वैध 7.19 प्रतिशत हिस्सा मांगेगा, चाहे वह चंडीगढ़ में हो या बीबीएमबी परियोजनाओं से रॉयल्टी हो। इसी कड़ी में अब इन दोनों मामलों को देखने के लिए कमेटी बनाई है। सरकार के उच्च अधिकारी बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश जब पंजाब का हिस्सा था, तब भारत सरकार ने बीबीएमबी को बनाया था। इसके बाद जब पंजाब से हिमाचल अलग हुआ तो उसकी चंडीगढ़ और बीबीएमबी में हिस्सेदारी तय की गई। हिमाचल को अभी बीबीएमबी में एक फीसदी रायल्टी भी नहीं मिल रही है, जबकि अन्य प्रोजेक्टों में राज्य को इसका लाभ मिल रहा है। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 में पंजाब, हरियाणा व हिमाचल की जनसंख्या, संसाधन और विकास को आधार मानकर हिमाचल को 7.19 प्रतिशत हिस्सा देने का निर्णय लिया गया था। हिमाचल बीबीएमबी के मामले को पंजाब और हरियाणा के अलावा केंद्र सरकार के समक्ष कई वर्षों से उठा है, लेकिन इसके सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं। इसी कड़ी में अब कैबिनेट सब कमेटी तथ्य जुटाएगी और प्रदेश सरकार उन्हें केंद्र सरकार के सामने उठाएगी।

 

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