सहकारिता क्षेत्र में होंगे समग्र बदलाव, जानिए अमित शाह का क्या है मकसद ?

सहकारिता क्षेत्र में होंगे समग्र बदलाव, जानिए अमित शाह का क्या है मकसद ?

नई दिल्ली
नई नीति का फोकस सहकारिता समितियों का मुफ्त पंजीयन, कम्प्यूटरीकरण, लोकतांत्रिक चुनाव, सक्रिय सदस्यता, नेतृत्व और पारदर्शिता में व्यावसायिकता, समिति पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करना होगा।

गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति से इस क्षेत्र में समग्र बदलाव होंगे। दिल्ली के विज्ञान भवन में आज आयोजित राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नई नीति का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। इसमें हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा।

शाह ने कहा कि नई नीति का फोकस सहकारिता समितियों का मुफ्त पंजीयन, कम्प्यूटरीकरण, लोकतांत्रिक चुनाव, सक्रिय सदस्यता, नेतृत्व और पारदर्शिता में व्यावसायिकता, समिति पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करना होगा। इसे लेकर सहकारिता क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ चर्चा की जाएगी। शाह ने कहा कि नई नीति सहकारी क्षेत्र में समग्र विकास लाएगी।

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में अभी 65 हजार सक्रिय प्राथमिक कृषि साख संस्थाएं (PAC) हैं। हमने अगले पांच साल में तीन लाख पीएसी गठित करने का लक्ष्य रखा है। 2.25 लाख नई समितियों के पंजीयन का लक्ष्य है। उन्होंने राज्यों के सहकारिता मंत्रियों से कहा कि वे उप-नियमों को जल्दी से अपनाएं और इन समितियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम करें।

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