सुक्खू सरकार ने इंतकाल की दरों को संशोधित कर इसमें 25 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर आम जनता को महंगाई का झटका दे दिया है। राजस्व विभाग में वर्षों से चली आ रही इंतकाल की पुरानी दरों को संशोधित करने की मांग प्रदेश सरकार ने मान ली। सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। अभी तक विभिन्न श्रेणियों के इंतकाल के दाम महज एक रुपये से लेकर दो रुपये प्रति खाता थे, लेकिन अब सरकार की अधिसूचना के अनुसार विभिन्न श्रेणियों के इंतकाल की न्यूनतम फीस 50 से लेकर 500 रुपये तक निर्धारित कर दी गई है। अधिसूचना में इंतकाल के लिए नए प्रावधानों का जिक्र किया गया है। विभिन्न श्रेणियों के इंतकाल की दरों में वृद्धि से राजस्व विभाग को अनुमानित 12 से लेकर 15 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने की संभावना है, जो पहले महज लाखों रुपये तक ही होता था।
सरकार ने हिमाचल प्रदेश भू राजस्व अधिनियम की धारा 39 की उप धारा-1 में प्रदत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अब विरासत इंतकाल से लेकर विभिन्न श्रेणियों के इंतकाल के नए दाम निर्धारित कर दिए हैं। नए प्रावधानों के अनुसार अब विरासत के इंतकाल के लिए 50 रुपये प्रति खाता फीस निर्धारित की गई है, जबकि इसे अधिकतम 200 रुपये रखा गया है। यदि आपके पास जमीन के चार से ज्यादा खाते भी हैं, तो भी आपको इंतकाल के लिए 200 रुपये ही देने होंगे। इसी तरह कानूनी या खानगी तकसीम का इंतकाल दर्ज कराना है तो भी न्यूनतम 50 और अधिकतम 500 रुपये इंतकाल फीस लगेगी। अन्य श्रेणियों में आने वाले इंतकाल की फीस भी 50 रुपये प्रति खाता और अधिकतम 200 रुपये ही होगी। धारा 118 के अंतर्गत ली जाने वाली जमीन की इंतकाल फीस 5,000 से लेकर 10,000 रुपये तक चुकानी होगी।
राजस्व विभाग की ओर से किए इन नवीनतम प्रावधानों से जहां सरकार को सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा, वहीं राजस्व कार्यों में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। – जसपाल, जिला राजस्व अधिकारी, हमीरपुर