राज्य सरकार ने अब बड़े और छोटे दोनों ही तरह के हेलिकाप्टर को वैट लीज पर लेने के लिए टेंडर लगाए हैं। पिछली बार लगाए टेंडर के दौरान केवल एक ही कंपनी सामने आई थी, लेकिन अब निविदाओं को दोबारा मंगवाना पड़ा है। हालांकि, राज्य सरकार यह देख रही है कि अगर दोनों ही तरह के हेलिकाप्टर के लिए निविदाएं आती हैं तो इसमें से जो उचित होगा, उसे ही वैट लीज पर लिया जाएगा। राज्य सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग ने अब ताजा टेंडर चार से छह यात्रियों और 14 से 16 यात्रियों की क्षमता वाले हेलिकाप्टरों के लिए लगाए हैं।
इसके लिए निविदाकर्ता अपनी निविदाएं दोनों तरह के हेलिकाप्टर के लिए भेज सकते हैं या फिर वे चाहें तो किसी एक प्रकार के हेलिकाप्टर के लिए भी प्रेषित कर सकते हैं। जिन हेलिकाप्टर को ऑफर किया जाएगा, उसमें आधुनिक और नवीनतम तकनीक होनी चाहिए। ये डीजीसीए की ओर से तय मानकों के अनुसार बने होने चाहिए। जिस हेलिकाप्टर को प्रस्तुत किया जाना है, वह समझौते की अवधि में 15 साल से पुराना नहीं होना चाहिए। इस हेलिकाप्टर का इस्तेमाल वीआईपी की यात्रा के लिए होगा। इसके अलावा मेडिकल, आपातकालीन सेवाओं के अलावा पहाड़ी क्षेत्रों के लिए समय-समय पर दर्ज कार्यों के लिए भी होगा। हेलिकाप्टर के उड़ान के 40 घंटे प्रति माह होने चाहिए।
फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट का भी होगा प्रबंध
स्पष्ट किया गया है कि अगर जरूरत पड़ी तो सफल निविदाकर्ता राज्य सरकार के अनुरोध पर फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट का भी प्रबंध करेगा। इसे स्पर्धात्मक दरों पर देना होगा। इसे राज्य से अंदर और बाहर के लिए ली जाने वाली यात्रा सेवाओं के लिए इस्तेमाल करना होगा।