लोगों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाने के लिए भारत प्रौद्योगिकी को बहुत महत्व देता है: प्रधानमंत्री

लोगों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाने के लिए भारत प्रौद्योगिकी को बहुत महत्व देता है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत लोगों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने को बहुत महत्व देता है। वे स्वास्थ्य मंत्रालय के एक ट्वीट का जवाब दे रहे थे जिसमें एम्स ऋषिकेश द्वारा ड्रोन्स का ट्रायल रन करने का जिक्र किया गया था, जिसका इस्तेमाल एम्स ऋषिकेश से दो किलो वजन की टीबी की दवाएं टिहरी गढ़वाल जिला अस्पताल तक ले जाने के लिए किया गया। इसने लगभग 40 किमी (एक तरफ की) की हवाई दूरी को 30 मिनट में पूरा किया।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया:

“भारत लोगों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ को और बढ़ाने हेतु प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने को बहुत महत्व देता है।”

                         प्रधानमंत्री ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार के विजेताओं को बधाई दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन सभी प्रतिभाशाली युवाओं को बधाई दी है, जिन्हें उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

संगीत नाटक अकादमी के एक ट्वीट के प्रत्युत्तर में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कियाः

“प्रतिभाशाली युवाओं को बधाइयां, जिन्हें उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्राप्त हुये हैं। उन्हें उनके भावी प्रयासों के लिये शुभकामनायें। कामना है कि वे आने वाले समय में भारतीय संस्कृति और संगीत को इसी तरह लोकप्रिय बनाते रहें।”

                         प्रधानमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों की सराहना की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ओपन एकरेज लाइसेंसिंग नीति व्यवस्था के तहत ओडिशा के महानदी अपतटीय बेसिन में पहला अन्वेषित कुआं पुरी-1 की शुरुआत करके ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऑयल इंडिया लिमिटेड के प्रयासों की सराहना की है।

प्रधानमंत्री ने केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी के एक ट्वीट को साझा करते कहा, “यह उल्लेखनीय है और यह ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की दिशा में हमारे प्रयासों को सुदृढ़ करता है।”

                         प्रधानमंत्री ने ई-संजीवनी एप्प पर अभूतपूर्व रूप से 10 करोड़ टेली-परामर्श होने का स्वागत किया


प्रधानमंत्री ने भारत में मजबूत डिजिटल स्वास्थ्य इको-प्रणाली बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने पर डॉक्टरों की सराहना की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ई-संजीवनी एप्प पर अभूतपूर्व रूप से 10 करोड़ टेली-परामर्श होने का स्वागत किया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया का एक ट्वीट साझा करते हुये प्रधानमंत्री ने ट्वीट कियाः

“10,00,00,000 टेली-परामर्श एक उल्लेखनीय कारनामा है। मैं उन सभी चिकित्सकों की सराहना करता हूं जो भारत में एक मजबूत डिजिटल स्वास्थ्य इको-प्रणाली बनाने में अग्रणी हैं।”

                         प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध यक्षगान गायक श्री बलिपा नारायण भागवत के निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रसिद्ध यक्षगान गायक श्री बलिपा नारायण भागवत के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा हैः

“श्री बलिपा नारायण भागवत ने संस्कृति के संसार में महत्त्वपूर्ण स्थान बनाया है। उन्होंने अपना जीवन यक्षगान गायन के लिये समर्पित कर दिया था और वे अपनी अनूठी शैली के लिये जाने जाते थे। आने वाली पीढ़ियां उनके कार्यों का आदर करेंगी। उनके निधन से व्यथित हूं। उनके परिजनों को मेरी संवेदनायें। ओम् शांति!”

                         केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हैदराबाद में विज्ञान प्रशासकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया और आईजीओटी मॉड्यूल भी लॉन्च किया


डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि  भारतीय अनुसंधान एवं विकास की कहानी में निजी क्षेत्र का भी महत्वपूर्ण योगदान है और विज्ञान प्रशासक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने व्यापक स्तर पर सार्वजनिक भलाई के लिए सभी क्षेत्रों में सार्वजनिक और निजी भागीदारी के विकास के लिए एक अनुकूल माहौल बनाया है

डॉ. सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी लचीलेपन को बढ़ाने और महामारी, स्थिरता एवं जलवायु परिवर्तन जैसी हमारे समय की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक हैं

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज (एएससीआई) में विज्ञान प्रशासकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर उन्होंने आईजीओटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक ‘गवर्नेंस कोर्स मॉड्यूल’ भी लॉन्च किया।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी लचीलापन बढ़ाने और महामारी, स्थिरता और जलवायु परिवर्तन जैसी हमारे समय की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक हैं। इसलिए प्रौद्योगिकी शासन प्रणाली अपने आप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

लोगों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाने के लिए भारत प्रौद्योगिकी को बहुत महत्व देता है: प्रधानमंत्री

डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा विज्ञान और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना आज एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए अधिकांश बाधाएं स्वयं विज्ञान में नहीं, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शासन प्रणाली में हैं।

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उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का शासन एक प्रसिद्ध पहेली है तथाकथित कॉलिंगरिज दुविधा, जो यह मानती है कि नवाचार प्रक्रिया की शुरुआत में जब हस्तक्षेप और पाठ्यक्रम सुधार अभी भी आसान और सस्ते सिद्ध हो सकते हैं तब प्रौद्योगिकी के पूर्ण परिणाम और परिवर्तन की आवश्यकता पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सकती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत एक समाजवादी राष्ट्र है और भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी इसी तरह से नागरिकों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में ध्यान दे रही है। विज्ञान से नागरिकों को लाभान्वित होना है, इसलिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है हम सामाजिक रूप से लाभकारी परिणामों के साथ वैज्ञानिक विकास का समर्थन करने के लिए अपनी ओर से सभी प्रयास करें।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास केवल एक सरकारी उपक्रम नहीं है, बल्कि भारत में निजी क्षेत्र भी भारतीय अनुसंधान और विकास की कहानी में एक महत्वपूर्ण पक्ष है, हालांकि अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के अनुसंधान और विकास द्वारा पारस्परिक लाभ के लिए प्राप्त किया जा सकता है। विज्ञान प्रशासक इस दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार प्रारंभिक अनुसंधान चरण से लेकर व्यावसायिक नवाचारों तक के सभी चरणों में निजी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास में सहायता प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा यह सहायता अनुसंधान अनुदान और नवाचार अनुदान या इन्क्यूबेटर और सॉफ्टवेयर पार्क जैसे बुनियादी ढांचे के समर्थन के माध्यम से गैर-वित्तीय हो सकता है और विज्ञान प्रशासक ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने वैज्ञानिकों के लिए ‘विज्ञान संचार’ पर पाठ्यक्रम का शुभारंभ करने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए पहली चुनौती यह है कि हमारे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग नागरिकों के लिए क्या काम करते हैं, जिनके लिए यह सारा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से आग्रह किया कि वे आईजीओटी पर उपलब्ध पाठ्यक्रम का उपयोग करें जनता के लिए अपने कार्य को प्रसारित करें।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान प्रशासकों के लिए इस पाठ्यक्रम को एएससीआई और सीबीसी द्वारा तैयार किया गया है जिसका लक्ष्य निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करना है।

वरिष्ठ वैज्ञानिकों के लिए प्रभावी नेतृत्व और रचनात्मकता पर आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को इसमें भाग लेने वाले वैज्ञानिकों को रचनात्मक सोच का  कौशल प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिकों को प्रभावी नेता बनाने और उन्हें विभिन्न दक्षता को सीखने में सक्षम बनाना है ताकि वे आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करने में सक्षम हो सकें।

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