
भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बीच वाणिज्य और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता शुरू फिर से शुरू हो गई है। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के सचिव (सीपीवी और ओआईए) औसाफ सईद ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह समझौता जल्द हकीकत बन जाएगा।
इसके अलावा, सचिव औसाफ सईद ने जीसीसी देशों के साथ व्यापार के वैकल्पिक रूपों की खोज पर चर्चा का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि हमारे द्विपक्षीय साझेदारों के साथ रुपये के साथ व्यापार, वस्तु विनिमय व्यापार और कई अन्य चीजों पर चर्चा हो रही है, खासकर उन परिस्थितियों में जब अधिकांश देश विदेशी मुद्रा की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। छठा भारत अरब साझेदारी सम्मेलन व्यापारिक समुदायों के बीच मजबूत जुड़ाव के लिए एक संस्थागत मंच प्रदान करने के लिए दोनों पक्षों की प्रमुख पहल है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (दूतावास, पासपोर्ट और वीजा तथा प्रवासी भारतीय मामले) औसाफ सईद ने कहा कि इस समझौते से दोनों पक्षों के लिए व्यापार के नए अवसर तैयार होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अपने द्विपक्षीय भागीदारों के साथ रुपये में व्यापार और वस्तु विनिमय व्यापार जैसे वैकल्पिक भुगतान तंत्र पर भी चर्चा कर रहा है। जीसीसी में खाड़ी क्षेत्र के छह देश सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन शामिल हैं।
यह एफटीए वार्ता जल्द हकीकत बनने की उम्मीद है क्योंकि भारत और जीसीसी के बीच दो दौर की वार्ता 2006 और 2008 में हो चुकी है। भारत सऊदी अरब और कतर जैसे खाड़ी देशों से मुख्य रूप से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस का आयात करता है। वहीं मोती, बहुमूल्य रत्न, धातु, लोहा और इस्पात, रसायन आदि का भारत इन देशों को निर्यात करता है।