भारत बनेगा आत्मनिर्भर, 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की

भारत बनेगा आत्मनिर्भर, 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की

भारत ने 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है। ये महत्वपूर्ण खनिज कितने अहम हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए ये खनिज पास होने जरूरी हैं। रक्षा क्षेत्र हो या फिर कृषि, ऊर्जा, फार्मा और टेलीकॉम, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लिए ये महत्वपूर्ण खनिज बेहद अहम हैं। खनन मंत्रालय ने विशेषज्ञ टीम बनाई है, जिसने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसका शीर्षक ‘Critical Minerals for India’है।

खनन मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट
बुधवार को खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने इस रिपोर्ट को जारी किया। इस रिपोर्ट के मुताबिक जिन महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की गई है, उनमें एंटीमोनी, बेरिलियम, बिसमथ, कोबाल्ट, कॉपर, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हाफनियम, इंडियम, लीथियम, मोलिबडेनम, नियोबियम, निकेल, पीजीई, फॉस्फोरस, पोटाश, आरईई, रेनियम, सिलिकॉन, स्ट्रोनटियम, टांटालम, टेलुरियम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन, वानाडियम, जिरकोनियम, सेलेनियम और कैडमियम शामिल हैं।

आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण खनिज अहम
खनन मंत्रालय द्वारा बनाई गई टीम महत्वपूर्ण खनिजों को लेकर नीति और मसौदा तैयार करने में मदद करेगी, जिससे खनन क्षेत्र में निवेश और रणनीतिक योजना बनाने में मदद मिलेगी। किसी भी देश के आर्थिक विकास और सुरक्षा में इन महत्वपूर्ण खनिजों की काफी अहमियत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का आर्थिक भविष्य जिन तकनीकों पर निर्भर करेगा, उनमें लीथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम जैसे दुर्लभ खनिज बेहद अहम हैं।

खनन मंत्रालय के संयुक्त सचिव (नीति) की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। नवंबर 2022 में यह कमेटी बनाई गई थी, जो देश में दुर्लभ और अहम खनिजों की पहचान करेगी। कमेटी ने देश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर क्रिटिकल मिनरल्स बनाने का भी सुझाव दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि देश में पहली बार दुर्लभ खनिजों की पहचान कर लिस्ट बनाई गई है।

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