भाजपा ने अपनी चुनाव रणनीति में किया बदलाव अब लोकसभा चुनाव में दसों सीटों पर जीत हासिल करने के लिए भाजपा ने रणनीति बदलते हुए मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से नई बिसात बिछा दी है। मंत्रिमंडल विस्तार पूरी तरह से लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है और जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक और सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में जहां भाजपा कमजोर है, वहां किसी नेता को मौका नहीं दिया गया है। अब संतुलन बनाने के लिए रोहतक से पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर या सोनीपत से मोहन लाल बड़ौली को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
जाटों, वैश्य और पंजाबियों को साधने की कोशिश
नए मंत्रिमंडल में खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ओबीसी चेहरा हैं, जबकि नए मंत्रिमंडल विस्तार से जाटों, वैश्य और पंजाबियों को साधने की कोशिश की है। अनुसूचित जाति में भी बनाया संतुलन, राजपूत को भी सरकार में प्रतिनिधित्व दिया है। मनोहर कैबिनेट के मुकाबले मंत्रिमंडल में जाटों की संख्या कम है, लेकिन इस बार वैश्य कोटे को अधिक तवज्जो मिली है।