धर्मशाला। उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की खंडपीठ ने एक बीमा कंपनी को 40 हजार मुआवजे के साथ 4.75 लाख रुपये उपभोक्ता को लौटाने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा बीमा कंपनी को शिकायत खर्च के रूप में भी 10 हजार रुपये उपभोक्ता को देने होंगे। शिकायतकर्ता की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता विनय सोनी ने बताया कि सुनील कुमार पुत्र सरण ठाकुर निवासी हनुमान गली नगरोटा बगवां ने स्टार हेल्थ बीमा कंपनी से अपनी पत्नी का विभा का बीमा पांच लाख रुपये में 2018 में करवाया था। इस बीच 30 अगस्त, 2019 को शिकायतकर्ता की पत्नी स्कूटी से गिरने से घायल हो गई। इस दौरान उसे काफी चोटें आईं। पत्नी का इलाज करवाने के दौरान 4,75,000 रुपये खर्च हो गए। इसी बीच उसकी पत्नी की पांच दिसंबर, 2019 को मौत हो गई। जब शिकायतकर्ता ने कंपनी से बीमा राशि के लिए आवेदन किया तो उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि बीमा करवाने के दो साल के भीतर ही यह हादसा हो गया, जिसके चलते उन्हें बीमा राशि नहीं दी जा सकती। इसके बाद शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता आयोग में इसकी शिकायत कर दी। इस पर कार्रवाई करते हुए उपभोक्ता आयोग की खंडपीठ ने शिकायत को मंजूर करते हुए बीमा कंपनी को 30 दिन के भीतर 4.75 लाख रुपये नौ फीसदी ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा शिकायत खर्च के रूप में 10 हजार, जबकि 40 हजार रुपये मुआवजा देने के भी आदेश उपभोक्ता आयोग ने दिए हैं।
बीमा कम्पनी द्वारा बीमा की राशि न देने पर उपभोक्ता आयोग ने सुनाया यह फैसला
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