बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इससे बिजली बोर्ड के लगभग 6500 कर्मचारी लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास में सरकारी कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुए कहा कि सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का निर्णय लिया। इससे 1.36 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिला है।
उधर, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने के लिए संघर्षरत कर्मचारियों ने बिजली बोर्ड प्रबंधन को झुका दिया है। बोर्ड प्रबंधन शुक्रवार को ओपीएस बहाल करने के लिखित आदेश जारी करेगा। वीरवार सुबह बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस शिमला के बाहर ओपीएस बहाली के लिए हजारों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर बोर्ड प्रबंधन ने कर्मचारी यूनियनों के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया। प्रबंधन ने 27 मई से पहले ओपीएस बहाल करने के आदेश जारी करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद कर्मियों ने प्रदर्शन स्थगित कर दिया। उधर, बिजली कर्मियों के प्रदर्शन के चलते शिमला सर्किल के सभी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहा।
मुख्यमंत्री ने वीरवार सुबह धर्मशाला से हैदराबाद रवाना होने से पहले बोर्ड प्रबंधन को ओपीएस बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने बोर्ड में इस फैसले के अभी तक लागू न होने पर नाराजगी जताई। संबंधित अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से फोन पर बात कर कहा कि जब सरकार ने प्रदेश में पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया है ताे बिजली बोर्ड में फैसले को लागू करने को लेकर देरी क्यों की जा रही है।
यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने बताया कि सरकार के सभी विभागों व सरकारी उपक्रमों के लिए पुरानी पेंशन लागू की गई थी लेकिन बोर्ड में यह लागू नहीं हो पाई है। इससे कर्मचारियों में रोष है।