बच्ची में H3N2 इन्फलूएंजा का संक्रमण, कांगड़ा में अलर्ट

बच्ची में H3N2 इन्फलूएंजा का संक्रमण, कांगड़ा में अलर्ट
धर्मशाला 

एच3एन2 इन्फलूएंजा वायरस से संक्रमित मरीजों में शुरुआत में सर्दी, जुकाम, बुखार, गले में खरास, सूखी खांसी, थकान, नाक से पानी आना आम बात है। वहीं, कुछ मामलों में उल्टी, दस्त और तेज बुखार जैसे लक्षण भी देखे जा रहे हैं।

जिला कांगड़ा में ढाई माह की बच्ची में एच3एन2 इन्फलूएंजा का पहला मामला आने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। शनिवार को टांडा अस्पताल में परागपुर की एक ढाई माह की बच्ची में जांच के दौरान एच3एन2 इन्फलूएंजा संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिले में इस संक्रमण का पहला मामला आने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों से लेकर पीएचसी और सीएचसी स्तर पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को रोग से निपटने के लिए निर्देश जारी किए हैं।

जिले के अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार कर दिए गए हैं। डॉ. सुशील शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कांगड़ा ने ढाई माह की बच्ची में एच3एन2 संक्रमण की पुष्टि की है। एच3एन2 इन्फलूएंजा वायरस से संक्रमित मरीजों में शुरुआत में सर्दी, जुकाम, बुखार, गले में खरास, सूखी खांसी, थकान, नाक से पानी आना आम बात है। वहीं, कुछ मामलों में उल्टी, दस्त और तेज बुखार जैसे लक्षण भी देखे जा रहे हैं।

यह वायरस पांच से सात दिन में अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन यदि आप लंबे समय से इस भयावह वायरस से संक्रमित रहते हैं तो ये आपके फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है। संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तथा भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें। मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। आंख और नाक को बार-बार छूने से बचें।

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