हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है। बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू, जिला सिरमौर और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं। यही कारण है कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल-कॉलेज बंद हैं।
प्रदेश में इस सप्ताह बादल फटने और उसके कारण हुए भूस्खलन के कारण 60 से अधिक लोग मारे गए हैं। शिमला के समरहिल में भूस्खलन से जमींदोज हुए शिव बाड़ी मंदिर के मलबे से पांच और शव निकाले गए हैं। इस घटना में अब मृतकों की संख्या 13 पहुंच गई है। अभी तलाशी अभियान जारी है। इस बीच हमें जानना जरूरी है कि आखिर बादल फटना कहते किसे हैं? इसके पीछे कारण क्या है? इनका अनुमान लगाना क्यों कठिन होता है? क्या इन घटनाओं के रोकथाम के कोई उपाय हैं?
