पेपर लीक मामला: सचिव के खिलाफ चालान पेश करने के लिए अभियोजन विभाग की स्वीकृति

पेपर लीक मामला: सचिव के खिलाफ चालान पेश करने के लिए अभियोजन विभाग की स्वीकृति

जेओए आईटी पेपर लीक मामले में विजिलेंस की ओर से आयोग के पूर्व सचिव के खिलाफ तैयार चालान को अभियोजना विभाग ने स्वीकृति दे दी है। सरकार से अभियोजन मंजूरी मिलने के बाद विजिलेंस ने चालान को अभियोजन विभाग की स्वीकृति के लिए भेजा था। अब विजिलेंस की ओर से भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव के खिलाफ कोर्ट में अनुपूरक चालान पेश किया जाना है। अब तक मामले में विजिलेंस 20 फरवरी को आठ आरोपियों के खिलाफ 626 पन्नों की प्रारंभिक चार्जशीट कोर्ट में पेश कर चुकी है।

इसमें आयोग की गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उसके दो बेटे नितिन और निखिल, दलाल संजीव कुमार और उसका भाई शशिपाल और दो अभ्यर्थी तनु और अजय शर्मा और एक अन्य नीरज कुमार शामिल हैं। जेओए आईटी पेपर लीक मामले के बाद पुलिस जांच में आयोग में हुई धांधलियों का खुलासा हुआ है। तीन साल से आयोग में पेपर लीक का गोरखधंधा चल रहा था। भर्ती परीक्षाओं के संचालन का जिम्मा आयोग के सचिव पर रहता था। पूर्व सचिव भी शक के दायरे में हैं।

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 25 दिसंबर, 2022 को पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी की भर्ती परीक्षा प्रस्तावित थी, लेकिन 23 दिसंबर को हमीरपुर विजिलेंस टीम ने चयन आयोग की गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर लिया। जेओए आईटी के 300 से अधिक पदों को भरने के लिए आयोग ने एक लाख तीन हजार अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी किए थे। प्रदेश के सभी जिलों समेत 41 उपमंडलों पर 476 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। पेपर लीक होने से यह परीक्षा रद्द की गई।

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