अमृतसर के स्वर्ण मंदिर इलाके में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रहे धमाकों के पीछे न सिर्फ आतंकी साजिश सामने आ रही है, बल्कि अस्थिरता के मुहाने पर खड़े पाकिस्तान का नाम भी सामने आ रहा है। जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उनको कुछ अहम सुराग मिले हैं जो इस ओर इशारा कर रहे हैं कि पंजाब में अस्थिरता फैलाने के पीछे विदेश में बैठे तीन प्रमुख आतंकी संगठन और पाकिस्तान का हाथ है। यही नहीं बीती रात को स्वर्ण मंदिर के पास हुए धमाकों से पहले घटनास्थल के इलाके के पास से थोड़ी-थोड़ी देर में दुबई और कनाडा की गईं कुछ कॉल रिकॉर्ड भी जांच एजेंसियों के हाथ लगी हैं। इस पूरे मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसियों की सुई अब न सिर्फ इन कॉल रिकॉर्ड्स बल्कि तीन प्रमुख आतंकी संगठनों के स्थानीय नेटवर्क के आसपास घूम गई है।
बीते कुछ समय से पंजाब में माहौल खराब करने के लिए खालिस्तान समर्थन की मांग तेज हो गई थी। यह मांग कट्टरपंथी अमृतपाल और उसके समर्थकों की ओर से की जा रही थी। हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि पंजाब के माहौल को सुधारने के लिए केंद्र और केंद्र सरकार की प्रमुख एजेंसियों और केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों को कमान संभालनी पड़ी। अमृतपाल की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद ही अमृतसर के स्वर्ण मंदिर इलाके में धमाके होने शुरू हुए। इस पूरे मामले में जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जो भी घटनाएं हो रही हैं उसमें न सिर्फ खालिस्तान की मांग के बाद पैदा हुए विवाद बल्कि हाल में पाकिस्तान के भीतर ही आईएसआई समर्थित आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह की हत्या से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अमृतसर में लगातार हो रही बम धमाकों के पीछे खालिस्तान कमांडो फोर्स के स्थानीय नेटवर्क के अलावा खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के स्थानीय नेटवर्क को भी खंगाला जा रहा है।
जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अमृतसर में बीती रात हुए स्वर्ण मंदिर के पास धमाके कुछ देर पहले ही उसी इलाके के आसपास से दुबई और कनाडा में कुछ कॉल की गई थीं। हालांकि जांच एजेंसियों से अधिकारियों का कहना है कि इन कॉल्स का अमृतसर में हुए धमाके से सीधे तौर पर कोई लेना देना है या नहीं, यह तो तफ्तीश के बाद ही पता चलेगा। लेकिन जांच एजेंसियां ऐसी कॉल्स को न सिर्फ गंभीरता से ले रही हैं, बल्कि उनके नेटवर्क और स्थानीय कनेक्शन को भी तलाश रही हैं। अमृतसर में पिछले सप्ताह हुए धमाकों के बाद एनआईए और एनएसजी की ओर से इस पूरे मामले में जांच की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि पहले दिन हुए धमाके के दौरान इस्तेमाल किए गए विस्फोटक सामग्री से स्पष्ट अंदाजा हो रहा है कि यह कोई मामूली घटना नहीं थी।
वहीं इस पूरे मामले में जांच करने वाली एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लगातार हो रहे विस्फोट की घटनाएं सामान्य घटना तो नहीं हो सकती हैं। पंजाब पुलिस के रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर और इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी मे डेपुटेशन पर रह चुके एएस सिद्धू कहते हैं कि इस तरीके की घटनाओं में अमूमन कॉन्फ्रेंस कॉलिंग के माध्यम से दिशानिर्देश पहले भी आतंकियों की ओर से लिए और दिए जाते रहे हैं। निश्चित तौर पर जांच एजेंसियों के लिए जांच का विषय है कि क्या इस तरीके की कॉल्स का स्वर्ण मंदिर के आसपास होने वाले धमाकों से कोई लेना-देना है या नहीं। जांच में इस बात का भी ध्यान रखा ही जाता है कि कॉल सीधे हुई है या वाया कॉन्फ्रेंसिंग की गई है।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहे सिद्धू कहते हैं कि पंजाब को अशांत करने के लिए कई आतंकी संगठन कनाडा, अमेरिका और दुबई पाकिस्तान से पंजाब में माहौल खराब करने की लगातार कोशिश करते ही आए हैं। उनका कहना है जिस तरीके से पंजाब में माहौल बिगाड़ने के लिए अमृतपाल जैसे कट्टरपंथी का समर्थन करने के लिए विदेशी ताकतों का इस्तेमाल हुआ ठीक उसी तरीके से अमृतसर के स्वर्ण मंदिर इलाके में हो रहे धमाकों में इसकी साजिश तो नजर आ ही रही है। इस पूरे मामले की जांच कर रही एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वह इस पूरी घटना को अमृतपाल से लेकर पाकिस्तान में हाल में हुई खालिस्तान कमांडो फोर्स के परमजीत सिंह पंजवड़ हत्या से भी जोड़कर देख रहे हैं। क्योंकि खालिस्तान कमांडो फोर्स और पाकिस्तान के समर्थन के साथ ही पंजाब में माहौल बिगाड़ने की लगातार कोशिश पहले भी करती आई है। सूत्रों के मुताबिक इस वक्त पाकिस्तान के जो हालात हैं ऐसे में पड़ोसी मुल्क भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए भी कई तरह के प्रयास कर सकता है। उसी कड़ी में खालिस्तान कमांडो फोर्स के अलावा और कई आतंकी संगठनों के स्थानीय नेटवर्क पर करीब से नजर रखी जा रही है। और स्वर्ण मंदिर के पास हुए धमाकों में इन आतंकी संगठनों के नेटवर्क के आपसी तार ढूंढे जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक अमृतसर स्वर्ण मंदिर इलाके में हुई विस्फोट की घटनाओं मे खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ), खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के साथ-साथ खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के आतंकियों और उनके स्थानीय नेटवर्क पर करीबी नजर रखी जा रही है। इनमें से सभी संगठन पाकिस्तान के आईएसआई की ओर से पाले पोसे जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक केसीएफ चीफ पंजवड़ पाकिस्तान में हुई हत्या के बाद इस आतंकी संगठन का जगजीत सिंह बिल्ला उर्फ सैनी अमेरिका और कनाडा में रह करके ही अपने संगठन को खाद-पानी दे रहा है। ऐसे में इन आतंकी संगठनों और हाल के दिनों में हुई घटनाओं को जोड़कर अमृतसर में हुए विस्फोट की कड़ी को सुलझाने का प्रयास जांच एजेंसियों की ओर से जारी है।