चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते राज्य सरकार बजट घोषणाएं चुनाव आयोग की अनुमति के बिना लागू नहीं कर सकती
बजट घोषणाएं फिलहाल लटक गई हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने बजट में कई अहम घोषणाएं की हैं। आयोग की मंजूरी नहीं मिली तो आचार संहिता खत्म होने के बाद ही इन्हें लागू किया जाए सकेगा। सरकार ने बजट में अस्थायी कर्मचारियाें और कामगारों का मानदेय बढ़ाने का एलान किया था, जलरक्षकों, मल्टी पर्पज वर्करों, पंचायत चौकीदार, एसएमसी, कंप्यूटर शिक्षकों आदि विभिन्न श्रेणियों के कर्मियों को इससे लाभ मिलना है।
इसके अलावा कर्मचारियों की दिहाड़ी भी बढ़ाकर 400 रुपये करने की घोषणा की गई है। इसमें 25 रुपये की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। कर्मचारियों को अपने सेवाकाल में दो बार ऑल इंडिया लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) देने, नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में भी जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी, दुग्ध उत्पादन सोसायटियों से एपीएमसी की ओर से लिए जाने वाले शुल्क को खत्म करने, कर्मचारियों और पेंशनरों को चार फीसदी महंगाई भत्ता देने का फैसला भी चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद ही लागू होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि बजट घोषणाएं लागू करने के लिए सरकार को आवेदन करना होगा। मंजूरी मिलने के बाद ही घोषणाएं लागू हो सकेंगी।